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यूपी के इन जिलों मे लगेगें बायोगैस प्लांट, कचरे से बनेंगी ये खास चीजें?

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के दो जिलों में एक-एक बायोगैस प्लांट लगने जा रहें है। जिसमें कचरे से खास जरूरी चीजें बनायी जायेंगी?

नवीनीकरण उर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एस्ट्रोन सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा के बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश के सहारनपुर व मुजफ्फरनगर में भी एक-एक बायोगैस प्लांट लगाने जा रही है।

एस्ट्रोन सोलर पावर कंपनी के निदेशक अतुल त्यागी ने गुरूवार को यहां बताया कि उनकी कंपनी सहारनपुर और मुजफ्फरनगर में एक-एक बायोगैस प्लांट लगाने जा रही है। लॉकडाउन के चलते यह कार्य बीच में रुक गया और अभी आगे नही बढ सका है।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में देवबंद विधायक कुंवर ब्रिजेश सिंह के साथ भी विचार-विमर्श कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उक्त प्लांट के जिले में लगने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन का सपना भी पूरा हो सकेगा। इसका उददेश्य जानवरों के अपशिष्ट जैसे गोबर, खेती से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट, पराली से होने वाली समस्याओं का समाधान होगा और वातावरण भी स्वच्छ होगा। प्लांट में कूडे कचरे, पशुओं के गोबर और जानवरों के अन्य अपशिष्ट का प्रयोग बायो गैस और जैविक खाद बनाने में किया जाएगा।

श्री त्यागी ने बताया कि बायोगैस प्लांट लगने से क्षेत्र में कूड़े से जनता को मुक्ति मिलेगी। इस परियोजना को बायोजेस्ट एनर्जी और वासर टेक्नीक जीएमबीएच एवं ऑलिव रेजोल्यूशन ऑस्ट्रिया के सहयोग से हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में लगाया था जो सफलता के साथ कार्य कर रहा है।

बायो जेस्ट एनर्जी के क्रिश्चियन रील ने कहा कि यह एक शानदार पहल है। इसके तहत विश्वविद्यालय और सरकार ने कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने में बायोगैस की भूमिका को लेकर प्रोजेक्ट बनाए हैं। ऑलिव रेजोल्यूशन की निदेशक भावना कुलश्रेष्ठ ने बताया कि कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने कि इस तकनीक से वायु और जल प्रदूषण ना के बराबर होता है और यह पूरी तरह से आर्थिक रूप से व्यावहारिक है। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और तकनीकी सहयोग बढ़ाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।