नयी दिल्ली , बीजेपी ने केजरीवाल पर कोरोना से निपटने में केवल खोखले दावे करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी तथा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक विजेंद्र गुप्ता ने राजधानी में कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या और बड़े पैमाने पर उनकी मौत पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कोरोना से निपटने के मामले में दिल्ली की जनता के समक्ष खोखले दावे करने का आरोप लगाया है।
सर्वश्री बिधूड़ी और गुप्ता ने सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में संयुक्त रूप से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सात अप्रैल को जब दिल्ली में कोरोना महामारी के मरीजों की संख्या महज 525 थी तो श्री केजरीवाल ने बाकायदा संवाददाता सम्मेलन कर यह ऐलान किया कि दिल्ली सरकार ने 30 हजार बेड का इंतजाम कर लिया है। उन्होंने तब यह भी दावा किया कि सरकारी और प्राइवेट मिलाकर विभिन्न अस्पतालों में सिर्फ कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए 2950 बेड उपलब्ध हैं और जैसे जैसे मरीजों की संख्या बढ़ती जाएगी, बेडों की संख्या भी बढ़ती जाएगी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि श्री केजरीवाल ने कहा था कि आठ हजार बेड अस्पतालों में होंगे, 12 हजार होटलों के कमरे लिए जाएंगे जबकि 10 हजार बेड का इंतजाम विभिन्न बैंक्वेट हॉल और धर्मशालाओं में किये जाएगा। उन्होंने कहा कि सात अप्रैल से 25 मई तक करीब डेढ़ महीने में मरीजों का आंकड़ा करीब 27 गुना बढ़कर 525 से 14053 तक पहुंच गया और दिल्ली उच्च न्यायालय में खुद दिल्ली सरकार ने कहा कि सरकारी और निजी दोनों मिलकर इस वक्त कोरोना मरीजों के लिए दिल्ली में 3150 बेड ही उपलब्ध हैं। अब आज श्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल करीब 4500 बेड हैं। सबसे पहले तो उनको बताना चाहिए कि इन दोनों में से कौन सा सरकारी आंकड़ा सही है और यदि मुख्यमंत्री के आज के दावे को ही सही माना जाए तो फिर वे बताएं कि उन्होंने तो करीब डेढ़ महीने पहले ही 30 हजार बेड की बात की थी फिर 4500 बेड ही क्यों हैं। बाकी के 25050 बेड कहां गए।
दिल्ली सरकार द्वारा आज जारी कोरोना के आँकङो के अनुसार दिल्ली में कुल एक्टिव मामले 7006 हैं, जबकि सरकार की इसी रिपोर्ट में ही अलग अलग बताई गई मरीजों की संख्या जोड़ने पर यह आंकड़ा 6289 पहुँचता है तो ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि बाकी के बचे 717 मरीज कहाँ हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि 20 मई को दिल्ली सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि दिल्ली सरकार के पास कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्पतालों को मिलाकर केवल 3150 बेड उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि यदि 25 मई को जारी दिल्ली सरकार के आंकड़ों को देख लें तो 22 से 25 मई के बीच महज तीन दिनों में दिल्ली में 1734 नए मरीज आ गए और 68 मरीजों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री ने दक्षिण कोरिया के तर्ज पर बड़े पैमाने पर जांच किए जाने पर जोर दिया था और दावा किया था कि एक लाख रैंडम टेस्टिंग की जाएगी। अब उनको बताना चाहिए कि आखिर वह रैंडम टेस्टिंग कहां की गई।
भाजपा नेताओं ने कहा कि 20 मई की आईसीएमआर की रिपोर्ट है कि एक दिन में कुल 3953 लोगों की जांच हुई, 534 मरीज पॉजिटिव निकले, 1345 निगेटिव निकले जबकि 2074 मरीजों की रिपोर्ट पेंडिंग थी। उन्होंने पूछा कि क्या यही दक्षिण कोरिया की तरह जांच का नमूना है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कोरोना से कोरोना से निपटने के लिए श्री केजरीवाल ने जो भी दावे किए वे खोखले साबित हुए। उन्होंने दिल्ली सरकार से आग्रह किया कि वह मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा बेड और जांच के इंतजाम सुनिश्चित करे। इस अवसर पर पार्टी के विधायक मोहन सिंह बिष्ट भी मौजूद थे।