समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि अपनी बदनामी से बचने के लिए भाजपा सरकार ने यह साजिशी रणनीति बनाई है कि अखिलेश यादव को कैसे बदनाम किया जाय और उनके बेदाग चरित्र तथा लोकप्रियता पर कैसे अनर्गल आरोप मढ़े जाए। भाजपा सरकार सुनियोजित तरीके से भ्रम और अफवाह फैला रही है। उसका कारण यह भी है कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर इधर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। ये आरोप भाजपा के ही जिम्मेदार पदाधिकारियों और मंत्रियों ने लगाए हैं। अपनी अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार पर पर्दा डालना उसी रणनीति का हिस्सा है।
राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि लोकराज लोकलाज से चलता है। लेकिन भाजपाइयों ने तो अपनी लाज ही खूंटी पर टांग दी है। उनका न तो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों-आदर्शों से कुछ लेना देना रहा है और नहीं प्रजातांत्रिक मर्यादाओं से कुछ लेना-देना लगता है। वे प्रजातांत्रिक मर्यादाओं से परिचित है। केन्द्र में चार साल भाजपा सरकार के सिर्फ जुमलेबाजी के भेंट चढ़ गए जबकि उत्तर प्रदेश में 14 महीनों में भाजपा सरकार ने कोई काम न करने का रिकार्ड बना लिया है। जनता बुरी तरह त्रस्त है और इनसे निजात पाना चाहती है। अखिलेश यादव जी ने कहा
था कि जनता के असल मुददो से ध्यान हटाने की ताकत भाजपा के पास है। भाजपा के क्रिया कलापों से यह बात शत प्रतिशत सही साबित हो रही है।
वस्तुतः लोकसभा के चुनाव नज़दीक आ रहे हैं और उसके पहले उत्तरप्रदेश में एक-एक कर चार उप चुनाव भाजपा हार चुकी है। उसकी हालत दयनीय है। किसान तबाह है। नौजवान को धोखा मिला है। रोजी-रोटी के नाम पर सिर्फ सपने तोड़े जाते रहे हैं। जीएसटी – नोटबंदी ने आम आदमी और व्यापार जगत को बर्बाद कर दिया है। मंहगाई अपने चरम पर है। महिलाओं और बच्चियों से बलात्कार की घटनाएं थम नहीं रही है। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। भ्रष्टाचार बेलगाम है। प्रदेश में अराजकता की स्थिति व्याप्त है।
भाजपा सरकार के पास जनहित की एक योजना तक नहीं है। अखिलेश यादव ने जो विकास कार्य किए थे जनता उनकी प्रशंसक है। किसान, गरीब, नौजवान, अल्पसंख्यक सभी श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व को आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। भाजपा नेता इससे बुरी तरह विचलित और भयभीत हैं। अपनी नाकामी छुपाने के लिए वे अब घटिया स्तर के हथकंडों पर उतर आए हैं। जनता ही इनको सही समय पर सही जवाब देगी।