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बीजेपी सरकार अमीरों के साथ, कुछ नही लगा गरीबों के हाथ : अखिलेश यादव

लखनऊ, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी सरकार पर अमीरों के हितों के पोषण का आरोप लगाते हुये कहा कि भाजपा नीतियों से देश में अमीर और गरीब की खांई ज्यादा चौड़ी होगी।

अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार अमीरों के हितों के पोषण के लिए और गरीब, किसान तथा मजदूर के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णयों से साफ हो गया है कि उसकी नीतियों से देश में अमीर-गरीब की खांई ज्यादा चौड़ी होगी तथा देश अराजकता की दिशा में चलता दिखाई देगा।

उन्होंने कहा कि समय भविष्य की हवा हवाई बातों का नहीं बल्कि किसानों-गरीबों को तत्काल मदद और राहत देने का है। भाजपा सरकार के पैकेज की जैसे-जैसे परतें खुलती जा रही हैं, वैसे-वैसे इनका खोखलापन भी सामने आ रहा है। भाजपा ने कोई पैकेज नहीं दिया, जुमलों का पिटारा खोल दिया है। भूख से मर रहे है बेरोजगारी के शिकार बिना इलाज बेहाल है। बच्चों के भविष्य का क्या होगा। श्रमिकों की रोज जान जा रही है।

श्री यादव ने कहा कि शुक्रवार को जालौन, बहराइच, जौनपुर में श्रमिकों की मौत हो गयी, सैकड़ों घायल हैं। यह कम साहसिक कदम नहीं है कि सैकड़ों किलोमीटर महिलायें, बच्चें और लाचार श्रमिक पैदल ही अपनें गांवों की ओर निकल पड़े, क्या यही आत्मनिर्भर भारत का प्रारम्भिक परिचय का भयावह दृश्य है।

उन्होंने कहा कि घर लौट रहे उन बेबस मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं है, जो सड़कों पर भूखें प्यासे मरने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार अब भेदभाव और विद्वेष के चलते गरीबों, मजदूरों को राशनपानी-भोजन की मदद देने वाले समाजवादी कार्यकर्ताओं पर मुकदमें दर्ज कर रही है। उन्हें राहत कार्य करने से रोक रही है। मेरठ, बुलंदशहर और कई अन्य जिलों से ऐसी शिकायतें मिल रही है। मोदी किचन, कम्यूनिटी किचन और आरएसएस भण्डारा का परस्पर सम्बंध क्या है।

अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा के जिलाधिकारी को एक मजबूर की बेबसी पर अपने बचपन का मनोरंजन याद आता है। कई जगह गरीबों से पुलिस वालों ने ही वसूली कर डाली और ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार कार्रवाई नही कर रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज लेने के लिए कहा जा रहा है। बे-मौसम वर्षा-ओलावृष्टि से उसकी फसल बर्बाद हुई, गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिला, गन्ना किसान बदहाल है, बैंक और साहूकार ब्याज पर ब्याज वसूलते जा रहे है, खेती के काम आने वाले उपकरण और अन्य सामग्री सब मंहगी है। ऐसे में क्या किसान कर्ज कैसे ले पायेंगे।