लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र मिटाओ मिशन पर पूरी तैयारी से लग गई है। असहमति और विरोध के हर स्वर को कुचलने की उसने ठान ली है। एक ओर वह नीट-जेईई की परीक्षा कराकर लाखों छात्रों की जिंदगी दांव पर लगा रही है तो दूसरी ओर भूमि विकास बैंक के चुनाव में लोकतंत्र का मखौल उड़ाने में उसे जरा भी लोकलाज नहीं है।
भाजपा सरकार ने धोखाधड़ी से ही अपने साढ़े तीन साल काट लिए हैं। नौजवानों की जिंदगी को अंधेरे में ढकेलने के लिए वह हर सम्भव प्रयास कर रही है। उनको रोजगार देने का झांसा दिया गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौर में नीट-जेईई की परीक्षाएं कराकर उन्हें संक्रमण का षिकार बनने को छोड़ा जा रहा है जबकि क्लैट की परीक्षा टाल दी गई है। लखनऊ और प्रयागराज में जब समाजवादी नौजवानों ने इस विसंगति पर जब विरोध में आवाज उठाई तो उन पर भाजपा की राज्य सरकार ने लाठियां बरसाईं।
लखनऊ में पुलिस की बर्बरता के शिकार समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिग्विजय सिंह ‘देव‘ के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री अवनीश यादव के साथ सर्वश्री दिलीप कृष्णा, नितेन्द्र सिंह गोंड, अमित यादव, तुशार त्रिपाठी, हिमांशु यादव पुरैनी, हिमांश कुमार यादव को जेल भेज दिया गया है। वाराणसी के छात्र नेता महेश यादव और सिद्धार्थनगर के मोनू दुबे बुरी तरह घायल है और अस्पतला में भर्ती हैं। भाजपा सरकार ने शांतिपूर्ण और अहिंसक ढंग से प्रदर्शन कर रहे नौजवानों की जिस निर्ममता से पिटाई कराई और उन्हें जेल भेजा है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
भाजपा सरकार की शुरू से ही नौजवानों के अलावा किसानों से बेरूखी रही है। किसानों से लागत से डेढ़ गुना ज्यादा फसल की कीमत दिलाने, आय दुगनी करने का वादा किया गया था जिसे भाजपा भूल गई। अब किसानों को कर्ज और आर्थिक मदद देने वाली संस्था भूमि विकास बैंक के चुनाव में भाजपा सरकार भाजपा के एजेंट की भूमिका में काम करती दिखाई दे रही है। कई जनपदों में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने दिया गया, या उनके नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए और अब चुनाव में प्रशासन पक्षपाती रवैये पर उतर आया है। निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र को सुनिश्चित करता है लेकिन सत्ता धारी भाजपा हर स्तर पर चुनाव को प्रभावित करने पर उतारू है।
आज तिर्वा कन्नौज में भूमि विकास बैंक के चुनाव में मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर जिला प्रशासन भाजपा प्रत्याशी की अनुचित मदद करते दिखा जो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के समर्थकों को वोट भी नहीं डालने दे रहा था। भाजपा के पक्ष में प्रशासन और पुलिस का रवैया अमर्यादित और स्वतंत्र चुनाव विराधी नज़र आ रहा है। यह लोकतंत्र की हत्या है। भूमि विकास बैंक सहकारिता क्षेत्र की एक प्रमुख संस्था है जो किसानों के हित में काम करती है। भाजपा इस पर कब्जा करके अब इसका अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन में प्रयोग करना चाहती है।
लाठी-गोली और प्रशासन की मदद से संस्थाओं पर कब्जेदारी के अभियान में लगी है। भाजपा याद रखे कि लोकतंत्र को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा केवल तिकड़मों की आड़ में सत्ता में अपने आखिरी दिन काट रही है। जनता सब जानती है और वह 2022 में भाजपाई बुलेट का जवाब बैलेट से देने का मन बना चुकी है।