लखनऊ, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके मुख्यमंत्री काल में हुए अवैध खनन मामले पर जवाब देना चाहिये। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि सीबीआई जांच में पूर्ववर्ती सपा सरकार के शासनकाल में हुए अवैध खनन की परतें अब खुलने लगी हैं।
सीबीआई द्वारा सपा सरकार के दौरान प्रमुख पदों पर तैनात रहीं आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, खनन विभाग के कर्मचारियों और ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कार्यप्रणाली भी कठघरे में आ गई है।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को खुद के ऊपर उठ रहे सवालों के जवाब देने चाहिए। आखिर उन्होंने अपने कार्यकाल में अधिकारियों, नेताओं को अवैध खनन की छूट क्यों दे रखी थी ?
चंद्रमोहन ने कहा कि भ्रष्टाचार के मसले पर सीधे तौर पर खुद को घिरता देख अखिलेश बसपा से बेमेल गठबंधन करने को बेताब हो गए। अखिलेश ने अपने पांच साल के कार्यकाल में शायद ही कोई ऐसा कार्यक्रम या आयोजन रहा हो जिसमें उन्होंने बसपा के शासनकाल में फैले भ्रष्टाचार का जिक्र नहीं किया हो।
उन्होंने कहा कि इस तरह से सपा और बसपा का गठबंधन भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के खिलाफ भ्रष्टाचारियों का गठबंधन है। ये दोनों पार्टियां लाख गठबंधन कर लें जनता की नजर में ये भ्रष्ट पार्टियां ही रहेंगी। लोकसभा चुनाव में जनता एक बार फिर भ्रष्टाचार के संरक्षकों के नापाक गठबंधन को सबक सिखाएगी।