नयी दिल्ली, स्ट्रांजा कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली मीना कुमारी मैसराम ने जर्मनी के शहर कोलोन में आयोजित कोलोन मुक्केबाजी विश्व कप में स्वर्ण पदक जीत लिया जबकि साक्षी और पिलाओ बासुमातारे को फाइनल में हारने के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत ने इस प्रतिष्ठित यूरोपीय टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम किए। शनिवार को पिंकी रानी और परवीन ने कांस्य पदक हासिल किए।
तीन राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के अलावा साल 2014 में एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली मीना ने फाइनल में थाईलैंड की माचाई बुनियानुत को हराया। मीना को छोटा ड्रॉ होने के कारण सीधे फाइनल में खेलने का मौका मिला था। मौजूदा यूथ वर्ल्ड चैम्पियन सीक्षा का शानदार सफर दो बार की राष्ट्रमंडल रजत पदक विजेता माइकेला वाल्श के खिलाफ खेलते हुए थम गया। आयरलैंड की माइकेला ने साक्षी को 5-0 से हराया। 18 साल की साक्षी ने पहली बार किसी एलीट टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई थी।
इंडिया ओपन विजेता पिलाओ ने चीन की चेनग्यू यांग के खिलाफ अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन वह चीनी खिलाड़ी का सामना नहीं कर सकीं और बंटे हुए अंकों के आधार पर हार गईं। बीते साल हाल में आयोजित केमेस्ट्री कप में भारतीय खिलाड़ियों के छह पदक जीतने के बाद भारतीय मुक्केबाजी संघ ने कोलोन विश्व कप के लिए सात सदस्यीय दल भेजा था। गौरव सोलंकी और मोहम्मद हुसामुद्दीन के रूप में सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ी कोलोन विश्व कप के बीते संस्करण में पोडियम पर जगह बना सके थे।