गैरसैंण, उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार द्वारा उठाये जा रहे ग्रामीण सम्पर्क, औद्योगिकीरण और ई—गर्वनेंस को बढ़ावा देने जैसे कदमों के बारे में जानकारी दी।
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच बेबी रानी ने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय ई..गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत पूरे राज्य में इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफटवेयर शुरू किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य औद्योगिक क्षेत्र में उच्च विकास दर पाने वाले शीर्षस्थ राज्यों में शुमार हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने के लिए 750 किमी ग्रामीण सड़क का निर्माण किया गया जबकि 329 किमी सड़क का निर्माण कार्य जारी है जिससे 369 गांवों को सड़क से जुड जायेंगे।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के प्रति उत्तराखंड को संवेदनशील बताते हुए कहा कि आपदा की क्षति का आंकलन करने के लिए वेब आधारित आनलाइन रिपोर्टिंग की व्यवस्था का विकास किया गया है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना हेतु नीति लायी गई है।
राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा रिस्पना और बिंदाल जैसी नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वनों के आर्थिक मूल्य को मौद्रिक रूप में मापा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की पहली मानव विकास रिपोर्ट 2019 को तैयार करते हुए जिला स्तर की मानव विकास रिपोर्ट सूचकांक, लैंगिक विकास तथा बहुआयामी विकास सूचकांक का आकलन किया है। राज्यपाल के पूरे अभिभाषण के दौरान केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत के नेतृत्व में विपक्षी विधायक अध्यक्ष के आसन के सामने खडे़ होकर राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते रहे। विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार पहाड़ के विकास के विरूद्ध है।