प्रतापगढ़,कोरोना वायरस के कहर से दुखी जनता ने अब आस्था की राह अपना ली है. और पूजा अर्चना शुरू कर दी है. यह पहला और अनूठा मंदिर है.जो प्रतापगढ़ के ग्रामीणों के आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में सांगीपुर थाना के जूही शुक्लपुर गांव में कोरोना के खौफ में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से चंदा जुटाकर कोरोना माता का मंदिर बनवा दिया. इसकी जानकारी प्रशासन को हुई तो उसके हाथ पांव फूल गए. मामला अंधविश्वास जुड़ा होने के कारण पुलिस ने इसे गिराने का फैसला किया. सांगीपुर पुलिस शुक्रवार की रात जेसीबी भी लेकर गांव पहुंची और कोरोना माता की मूर्ति व मंदिर समेत बोर्ड जमींदोज कर दिया. प्रशासन ने सारा मलबा गांव से 5 किलोमीटर दूर फेंकवा दिया गया. मामले में मंदिर स्थापित करने वाले आरोपी के एक भाई को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. मंदिर जमीदोंज कराए जाने को लेकर दिन भर लोगों में चर्चा होती रही.
जानकारी के अनुसार, शुकुलपुर जूही गांव में कोरोना वायरस से तीन लोगों की संदिग्ध मौत हो गई थी. इसके बाद ग्रामीणों में भय व दहशत फैल गई. इस पर गांव के लोकेश श्रीवास्तव ने कोरोना माता का सात जून को मंदिर बनवाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने मूर्ति आर्डर कर बनवाई और उसे गांव के एक चबूतरे के पास नीम के पेड़ के बगल स्थापित कर दिया.
अंधविश्वास में तैयार इस मंदिर में ग्रामीणों समेत दूर-दराज से लोग भी पहुंच रहे हैं. यहां लोग कोरोना माता की पूजा अर्चना करते हुए नजर आ रहे हैं. ग्रामीण अगरबत्ती जलाकर और प्रसाद चढ़ाकर कोरोना माता की पूजा करते हुए जल भी चढ़ाते हैं. कोरोना माता की प्रतिमा मास्क लगाए, हाथ धुलते हुए, कोरोना से दूर रहने का संदेश भी दे रही है. ग्रामीण राधे वर्मा का दावा है कि कोरोना माता की पूजा करने से हमारे गांव में कोरोना का संक्रमण नहीं फैलेगा.