लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) एवं आगरा पुलिस ने अन्तर्राज्यीय स्तर पर एटीएम तथा कामर्शियल साइटों के नाम से फ्राड़ करने वाले गिरोह के पांच सदस्य को आज ताजगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्तर्राज्यीय स्तर पर एटीएम तथा एटीएम तथा कामर्शियल साइटों के नाम से फ्राड़ करने की शिकायतें मिलने पर इन्हें पकड़ने के लिए एसटीएफ को लगाया गया था।
इसी क्रम में सूचना मिलने पर एसटीएफ और आगरा की ताजगंज पुलिस ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए भरतपुर (राजस्थान) कलतरिया गांव निवासी शकील खान पुत्र रज्जाक खान, जुरहैरा तहसील कामा निवासी लक्ष्मीनारायण गौड,
सतीश चन्द्र चौधरी निवासी बराखुर चिकसाना भरतपुर , बंशी लाल चौधरी निवासी आनन्दी भैंरो मन्दिर मऊ दयालबाग आगरा और सुनील कुमार निवासी शिव मन्दिर के पास मोहल्ला श्याम नगर मथुरा गेट भरतपुर को चौकी तोरा सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट के पास से गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि पकड़े गये आरोपियों के कब्जे से बैंक पासबुक,फिंगर अनलाक मशीन (अंगूठा लगाकर खोलने वाली), स्वैप मशीन,मेाहर,एटीएम कार्ड विभिन्न बैंको के, छह मोबाइल फोन, बाइक,कार और 500 रुपये बरामद किए।
उन्होंने बताया पिछले कुछ समय से शिकायत मिल रही थी कुछ लोग विभिन्न जिलों में फर्जी तरीके से काल करके लोगों कोे अपने झांसे में लेकर धोखाधड़ी करते हैं। गिरोह को पकड़ने के लिए एसटीएफ की विभिन्न टीमों को लगाया गया था।
प्रवक्ता ने बताया कि मुखबिर खास से सूचना मिली कि आगरा के ताजगंज क्षेत्र में एक गिरोह सक्रिय है, जो धोखाधड़ी करके फर्जी तरीके से काल करके लोगों से ओटीपी नम्बर लेकर भोले-भाले लोगों से एटीएम लेकर, उन एटीएम का प्रयोग कर लोगों से ऑनलाईन डिजिटल पैसे की ठगी/ट्रान्सफर व आनलाईन खरीदारी करता है। जिसके द्वारा डिजिटल रूप से पैसे का लेन-देन, धोखाधड़ी कर स्वॅय को लाभ पहुचाॅने का कार्य किया जा रहा है। गिरोह के सदस्य सदस्य ताजगंज आगरा की तोरा चौकी क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट के आगे मौजूद हैं और किसी कार्य को अंजान देने की फिराक में है। इस सूचना पर स्थानीय पुलिस को साथ लेकर एसटीएफ ने गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ पर गिरफ्तार किये गये फ्राड गिरोह के सरगना शकील खान ने बताया कि वह तथा उसके गैंग के सदस्य भोले-भाले तथा जरूरतमंद लोगो को बहला फुसलाकर तथा उन्हें कुछ रूपयों का लालच देकर आठ-दस दिनों के लिये उनका एटीएम, अकाउन्ट नम्बर, आईएफएससी कोड आदि प्राप्त कर लेते थे। जिसका उपयोग वह कालरो से इन अकाउन्टों में पैसा डलवाकर, मकसद मे कामयाब होने पर एटीएमसे तत्काल पैसा निकाल कर आपस में बांट लेते थे।
गैंग के सभी सदस्य डिजिटल लेनदेन करते थे। इस फ्राड के काम से हम लोग एक महीने में लगभग 10-12 लाख रूपये आराम से कमा लेते थे। यह गिरोह करीब तीन साल से इस धंधे मे लगा था और कभी पकड़ा भी नहीं गया। उन्होंने बताया गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।