नई दिल्ली ,अगले महीने से ऑनलाइन सामान खरीदना महंगा होने जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा टैक्स बढ़ाने से अब इसकी मार सबसे ज्यादा ग्राहकों पर पड़ने वाली है। इससे फेस्टिव सीजन में ग्राहकों को सामान खरीदने पर ज्यादा पैसा चुकाना पड़ेगा।
साल भर से अधिक समय तक निलंबित रखने के बाद सरकार ने आखिरकार टीडीएस (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) और टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) से संबंधित जीएसटी कानून के प्रावधानों को एक अक्टूबर 2018 से लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र के इस कदम के बाद ई-कॉमर्स कंपनियों को सप्लायर को पेमेंट करते समय एक प्रतिशत टीसीएस काटना होगा।
केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) अधिनियम के मुताबिक, अधिसूचित कंपनियों को 2.5 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस काटना जरूरी होगा। साथ ही, राज्य कानूनों के तहत राज्य एक फीसदी टीडीएस वसूलेंगे।
पूरे देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ था, लेकिन कारोबारियों को तैयारी का समय देने के लिए टीडीएस और टीसीएस के प्रावधान 30 सितंबर 2018 तक टाल दिया गया था। 18 सितंबर से टीडीएस और टीसीएस के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किए जाएंगे। कंपनियों के पास नियम के पालन की तैयारी करने के लिए बहुत कम समय रह गया है। उन्हें 2 हफ्ते में अपना सिस्टम बदलना पड़ेगा। इस प्रावधान से ना सिर्फ अप्रत्यक्ष कर बल्कि प्रत्यक्ष कर की चोरी भी रुकेगी। टीसीएस से ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वालों की कमाई का अंदाजा लग सकेगा।
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में 1.03 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ था। अगस्त में सिर्फ 93,960 करोड़ आए, जो 2018-19 में सबसे कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए ही सरकार ने जल्दबाजी में यह फैसला लिया है।