नयी दिल्ली, देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 18 लाख के पार पहुंच गयी है और देश में सोमवार को लगातार पांचवें दिन इस संक्रमण के 50 हजार से अधिक मामले दर्ज किये।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 52,972 मामले दर्ज किये गये जिसके बाद संक्रमितों की संख्या 18,03,696 पर पहुंच गयी। अब तक 38,135 लोगों की इससे मौत हो चुकी है और कुल 11,86,203 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि देश में इस समय कोरोना वायरस के 579357 सक्रिय मामले हैं।
देशभर में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की जांच के लिए 3,81,027 नमूनों का परीक्षण किया गया। देशभर में अब तक दो करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की जा चुकी हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दो अगस्त को कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए देशभर में 3,81,027 नमूनों की जांच की गयी और इसके साथ ही अब तक जांच किये गये नमूनों की कुल संख्या 2,02,02, 858 हो गयी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) आपातकालीन स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रयान ने पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस की सर्वाधिक जांच करने को लेकर भारत की प्रशंसा की है।
उन्होंने कहा, “ भारत ने सैंपलिंग पर अच्छा काम किया है और अब तक 20 टेस्ट कर लिये हैं, जो प्रतिदिन औसतन डेढ़ लाख पड़ता है। भारत ने परीक्षण का विस्तार करने और चिकित्सकों को परीक्षण का अनुरोध करने के लिए अधिक से अधिक स्वतंत्रता की अनुमति देने का अंतिम दिनों में कदम उठाया है। इसके लिए कोविड नैदानिक प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण करने के साथ-साथ परीक्षण की क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। निश्चित रूप से भारत इस मामले में आगे निकलने के लिए दृढ़ संकल्प है।”
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की जाने वाली कोरोना वायरस के टीके ‘कोविशील्ड’ के लिए भारत में दूसरे और तीसरे चरण के मानव परीक्षण की मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी कि डीसीजीआई ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तथा दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के भारत में दूसरे तथा तीसरे चरण के मानव परीक्षण के लिए सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को मंजूरी प्रदान कर दी है।
पुणे स्थित सेरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के साथ कोविशील्ड के उत्पादन का समझौता किया है। समझौते के मुताबिक सेरम इंस्टीट्यूट भारत में तथा अन्य निम्न तथा मध्यम आय वर्ग वाले देशों में कोविशील्ड की आपूर्ति करेगा। इंस्टीट्यूट इसी माह देशभर में तीसरे चरण का मानव परीक्षण शुरू करेगा।
ऑक्सफोर्ड के इस टीके के लिए दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण फिलहाल ब्रिटेन में चल रहा है। ब्राजील में इसका तीसरे चरण का मानव परीक्षण तथा दक्षिण अफ्रीका में पहले तथा दूसरे चरण का मानव परीक्षण चल रहा है।