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जातीय जनगणना अन्य धर्मों की पिछड़ी जातियों के लिये भी कल्याणकारी- केके पाल, वरिष्ठ अधिवक्ता

लखनऊ, जातीय जनगणना अन्य धर्मों की पिछड़ी जातियों के लिये भी कल्याणकारी है। यह बात आज जातिगत जनगणना और मुस्लिम समाज विषय पर आयोजित एक गोष्ठी में सीनियर एडवोकेट कृष्ण कन्हैया पाल  ने कही। गोष्ठी का आयोजन, अमीरूद्दौला इस्लामिया कालेज , लखनऊ में किया गया था।

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कृष्ण कन्हैया पाल एडवोकेट ने जातिगत जनगणना की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया कि जातिगत जनगणना हिन्दू धर्म के पिछड़ों के अतिरिक्त मुस्लिम, सिक्ख धर्म के पिछड़ी जातियों के लिए लाभकारी है।  उन्होनें बताया कि रंगनाथ मिश्रा कमीशन एवं सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार हिन्दू धर्म की पिछड़ी जातियों के अतिरिक्त मुस्लिम और दूसरे अन्य धर्मों की पिछड़ी जातियों की स्थिति बहुत ही खराब है एवं जातिगत जनगणना से ही सभी धर्मों की पिछड़ी जातियों का आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान हो सकता है।

जातिगत जनगणना और मुस्लिम समाज विषय पर आयोजित गोष्ठी में प्रमुख रूप से कृष्ण कन्हैया पाल एडवोकेट हाई कोर्ट लखनऊ बेन्च, नजम जिलानी एडवोकेट हाई कोर्ट लखनऊ बेन्च एवं राम कुमार गौतम पी.सी.एस. (रिटायर्ड) एवं श्री लाल बिहारी राजेश कुमार, हरीश चन्द्रा, अनुज निषाद एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोगों ने भाग लिया।