रेल नीर घोटाला सामने आने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सख्त रुख दिखाया है। मामला सियासी तूल पकड़े इससे पहले ही प्रभु ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने यह कदम सीबीआई छापेमारी में अधिकारियों का नाम आने के बाद उठाया।
रेल कर्मियों को कड़ी चेतावनी देते हुए प्रभु ने कहा है कि रेलवे में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस आशय की जानकारी उन्होंने ट्वीट के जरिए दी। राजधानी, शताब्दी और प्रीमियम ट्रेनों में रेल नीर न देकर किसी और कंपनी का पानी यात्रियों को दिए जाने का गोरखधंधा धड़ल्ले से जारी था।
मगर सीबीआई ने जाल बिछाते हुए उत्तर रेलवे के दो पूर्व अधिकारियों और सात निजी कंपनियों के खिलाफ 13 जगहों पर छापेमारी की जिसमें 27 करोड़ रुपये बरामद किए गए। सीबीआई ने मामले में उत्तर रेलवे के तत्कालीन मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों एमएस चालिया और संदीप सिलस के खिलाफ केस दर्ज किया है।
महत्वपूर्ण ट्रेनों में आपूर्ति किए जाने वाले रेल नीर में घोटाले के सिलसिले में छापेमारी के दौरान सीबीआई द्वारा बरामद किए गए 27 करोड़ रुपये में से 4 लाख के जाली नोट मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान एजेंसी को इतनी बड़ी रकम हाथ लगी कि उसे गिनने में 15 घंटे का समय लगा। नोटों की गिनती 3 मशीनों और एजेंसी के पांच अधिकारियों ने की।
सूत्रों ने बताया कि 20 करोड़ रुपये आरके एसोसिएट्स और वृंदावन फूड प्रोडक्ट के मालिक श्याम बिहारी अग्रवाल और उनके बेटों अभिषेक तथा राहुल के आवास से बरामद हुए। सूत्रों का कहना है कि एक करोड़ रुपये अग्रवाल की कंपनी के कार्यालय से मिले जबकि 52 लाख रुपये उनकी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के आवास बरामद किए गए।