विधायकों की खरीद-फ़रोख़्त- सरकार, विपक्ष और मीडिया सीबीआई के घेरे मे
October 24, 2019
नयी दिल्ली, सीबीआई ने विधायकों की खरीद-फ़रोख़्त मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और राज्य के वर्तमान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, निजी समाचार चैनल समाचार प्लस के सीईओ उमेश कुमार तथा कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ बुधवार को मामला दर्ज किया।
सीबीआई ने श्री हरीश रावत और उनके कैबिनेट में मंत्री रहे श्री हरक सिंह, श्री कुमार और अन्य के खिलाफ विधायकों के खरीद-फरोख्त से जुड़े स्टिंग प्रकरण में यह मामला दर्ज किया है। इन सभी लोगों के खिलाफ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई ने 2016 की एक कथित वीडियो को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था। वीडियो में श्री हरीश रावत भाजपा में जाने वाले असंतुष्ट विधायकों के समर्थन को वापस पाने के लिये कथित रूप से पैसे को लेकर चर्चा करते हुए दिख रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने श्री रावत और उस समय के बागी विधायक श्री हरक सिंह के अलावा प्राथमिकी में समाचार प्लस’ के प्रधान संपादक उमेश कुमार का नाम भी प्राथमिकी में शामिल किया है।
इसी महीने की एक तारीख को सीबीआई को लिखे गये शिकायती पत्र में बतौर मुख्यमंत्री हरीश रावत, बागी विधायक हरक सिंह और उमेश कुमार के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों का समर्थन पाने के लिये की गयी बातचीत का हवाला दिया गया है। शिकायत में घटना स्थल देहरादून के अलावा गुड़गांव दर्शाया गया है। कहा गया कि वर्ष 2016 में वित्त विधेयक पास कराने के दौरान कांग्रेस के कुछ विधायक सरकार से नाराज हो गये थे और वे भाजपा के विधायकों के साथ गुड़गांव शिफ्ट हो गये थे।
इसी दौरान श्री रावत, बागी विधायक हरक सिंह तथा उमेश कुमार के बीच यह बातचीत की गयी और स्टिंग को अंजाम दिया गया। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रावत सरकार को बचाने के लिये सौदा करते हुए दिखायी दे रहे हैं। शिकायत में यह भी कहा गया है कि वीडियो की फोरेंसिक जांच करायी गयी है। पत्र में कहा गया है कि वीडियो के साथ किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं की गयी हैै।
श्री हरक सिंह पहले हरीश रावत सरकार में मंत्री थे, बाद में वह भाजपा में शामिल हुए और त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में मंत्री बनाए गए।