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सीबीआई को आज मिली बड़ी सफलता, 819 करोड़ का पकड़ा घोटाला

नयी दिल्ली,  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की एक खाद्य निर्यातक कंपनी और इसके निदेशकों के खिलाफ 819 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज किया है और छापेमारी की है। सीबीआई ने यह कार्रवाई बैंकों के समूह की तरफ से भारतीय स्टेट बैंक की एक शिकायत पर की है। यह जानकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने आरोप लगाया है कि साकेत स्थित रेडिकल फूड्स लिमिटेड और उसके निदेशकों -सिद्धार्थ चौधरी और अंजू चौधरी ने – 732 करोड़ रुपये की रिण सुविधा का लाभ उठाया और एसबीआई तथा अन्य बैंकों के समूह के साथ जाली दस्तावेजों के जरिये जालसाजी एवं धोखाधड़ी की। अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने कंपनी और इसके दोनों निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था एवं उनके परिसरों में छापेमारी की।

बैंकों के समूह में भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स, एक्जिम बैंक, बैंक आफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, सीएसबी बैंक, विजया बैंक (अब बैंक आफ बड़ौदा) और यूको बैंक शामिल है । एक अधिकारी ने बताया, ‘‘एक अप्रैल 2018 तक बैंकों को 819.48 करोड़ रुपये (करीब) का कथित नुकसान हुआ।’’ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शिकायत पर की गयी है। एसबीआई ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि कंपनी का खाता 2015 में गैर निस्पादित संपत्ति में बदल गया था और यह शिकायत प्राथमिकी का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि बैंक ने पिछले साल 10 अगस्त को कंपनी के खाते का फोरेंसिक आडिट किया था और यह पता चला था कि इसने कथित रूप से ओवर स्टेटेड स्टॉक स्टेटमेंट जमा कराया था और स्वीकृत रिण सीमा को दूसरे कार्यों के लिए डाइवर्ट कर देता था । अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल 23 अगस्त को खाते को फर्जी घोषित किया गया । अपनी शिकायत में एसबीआई ने कहा है कि कर्मचारी जवाबदेही जांच रिपोर्ट में बैंक अधिकारियों की आपराधिक भूमिका की जांच नहीं की गयी है । इसमें कहा गया है कि इसलिए बैंकों के समूह के बैंक अधिकारियों की ओर से मामले में संभावित आपराधिक दुराचार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है ।