नयी दिल्ली, चुनाव आयोग ने आदर्श चुनाव आचार संहिता के संदर्भ में अपने आंतरिक मामलों को लेकर मीडिया में उठे विवाद को अवांछित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय का कहना है कि जब आयोग सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान की तैयारी में जुटा है और उसने अब तक सभी चरण शांतिपूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न किया है तो मीडिया के एक हिस्से में आयोग के आंतरिक कामकाज लेकर विवाद खड़ा करना अवांछित है।
आयोग का कहना है कि उसके सभी सदस्य बिल्कुल एक जैसे नहीं होते तथा अतीत में भी उनकी राय कई मामलों में अलग- अलग रही है और होनी भी चाहिए लेकिन हम आयोग के नियमों और दिशा निर्देशों के दायरे में ही फैसले लेते है।
पोल पैनल में अलग-अलग राय को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि सारे चुनाव आयुक्त एक जैसा सोचे। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की नाराजगी तथा आयोग की बैठकों में शामिल न होने संबंधी मीडिया रिपोर्ट को अवांछित बताते हुए चुनाव आयोग ने शनिवार को कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के संदर्भ में अपने आंतरिक मामलों को लेकर मीडिया में उठा विवाद दुभार्ग्यपूर्ण है।
मुख्य चुनाव आयुक्त कायार्लय का कहना है कि जब आयोग सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान की तैयारी में जुटा है और उसने अब तक सभी चरण शांतिपूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न किया है तो मीडिया के एक हिस्से में आयोग के आंतरिक कामकाज लेकर विवाद खड़ा करना अवांछित है। आयोग का यह भी कहना है कि उसके सभी सदस्य बिल्कुल एक जैसे नहीं होते तथा अतीत में भी उनकी राय कई मामलों में अलग-अलग रही है और होनी भी चाहिए लेकिन हम आयोग के नियमों और दिशा निर्देशों के दायरे में ही फैसले लेते है।
इससे पहले लवासा ने पीएम मोदी को बार-बार क्लीन चिट दिए जाने से नाराजगी जताते हुए कहा कि वह आयोग की बैठकों में भाग लेने से मना कर दिया।
पीएम मोदी को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के छह मामलों ने क्लीन चिट दी गई है जबकि कई अन्य मामले लंबित है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लवासा का कहना है कि पीएम मोदी को आदर्श चुनाव आचार संहिता के मामले में क्लीन चिट दिए जाने का फैसला लिए जाते समय उन्होंने इस पर असहमति व्यक्त की, लेकिन उनकी आपत्तियों को रिकार्ड नहीं किया गया तो आयोग की बैठकों में भाग लेने का कोई औचित्य नहीं है।
गत दिनों अखबारों में यह खबर आई थी कि पीएम मोदी को क्लीन चिट दिए जाने पर लवासा ने आपत्ति की थी और उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को इस बारे में पत्र भी लिखा