भिवानी, केंद्र के पारित ‘श्रमिक विरोधी‘ श्रम कानूनों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संघों ने आज यहां राष्ट्रव्यापी संयुक्त विरोध दिवस मनाया।
यूनियनों और कर्मचारी संगठनों के सदस्य यहां सुरेंद्र पार्क के सामने जमा हुए और विरोध प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार कार्यालय तक गये व तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
विरोध सभा में सीटू जिला प्रधान राममेहर सिंह, एआईयूटीयूसी जिला प्रधान राजकुमार जांगडा, सर्व कर्मचारी संघ के नरेंद्र दिनोद, इंटक के कृृष्ण, एच.एम.एस से कविता दहिया और एटक नेता फुलसिंह इन्दोरा आदि उपस्थित थे।
कर्मचारी नेताओं ने कहा की केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने देश के मजदूरों व किसानों के खिलाफ हमलावर रुख अपना रखा है। कोरोना काल में बिना किसी तैयारी के किए गए
लॉकडाऊन से करोड़ों रोजगार खत्म कर दिए जबकि पहले ही बेरोेजगारी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर थी। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों की नौकरियों में नई भर्ती पर रोक लगा दी गई है। सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र को बड़े कारपोरेट घरानों के हाथ में बेचा जा रहा है। केंद्र सरकार ने मजदूर संगठनों व कर्मचारी संगठनों के व्यापक विरोध के बावजूद 4 लेबर कोड संसद में पारित कर दिए हैं। बड़े कारपोरेट-परस्त, पूंजीपति-परस्त और किसान-विरोधी बिलों को देश भर में
किसानों के विरोध के बावजूद संसद में पारित कर दिया गया है।
ज्ञापन में राष्ट्रति से लेबर कोड और कृषि विधेयकों को मंजूरी न देने की मांग की गई है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के नेता करतार ग्रेेवाल ने किसानों की तरफ से मजदूर व कर्मचारियों के मुददों का सर्मथन किया व 25 सितंबर को भारत बंद में शामिल होने का आह्वान किया।