नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने कथित मनी लॉण्ड्रिंग के एक मामले में निजी टीवी चैनल एनडीटीवी को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उसके
पक्ष में शुक्रवार को फैसला सुनाया।
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इस फैसले के बाद एनडीटीवी की तरफ से कहा गया कि आज इस फैसले ने साबित कर दिया है कि कानून सबसे ऊपर है।
शीर्ष अदालत ने वित्त वर्ष 2007-08 के लिए फिर से कर निर्धारण के लिए आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ एनडीटीवी की अपील
स्वीकार कर ली।
इस मामले में एनडीटीवी पर 2007 में अपने गैर-समाचार कारोबार के लिए विदेशी निवेश जुटाने के दौरान मनी लॉण्ड्रिंग का बेबुनियाद आरोप
लगाया गया था।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव एवं न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने राजस्व विभाग को पुन: कर मूल्यांकन की इजाज़त देने से इन्कार कर
दिया, जिस पर बरसों पहले फ़ैसला हो चुका था। खंडपीठ के लिए 32 पन्नों का यह फैसला न्यायमूर्ति गुप्ता ने सुनाया।
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