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ईडी की हिरासत से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिया पहला आदेश

नयी दिल्ली,  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) की हिरासत से पहला लिखित आदेश भेजा है जिसमें उन्होंने जल मंत्री आतिशी को राष्ट्रीय राजधानी में सीवर और पानी की समस्याओं को दूर करने के निर्देश दिए हैं।
श्री केजरीवाल द्वारा ईडी हिरासत से भेजे गये आदेश की प्रति सुश्री आतिशी ने आज यहाँ साझा किया। मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में कहा,“ “मुझे पता चला है कि दिल्ली के कुछ इलाक़ों में पानी और सीवर की काफ़ी समस्याएँ हो रही हैं। इसे लेकर मैं चिंतित हूँ। चूँकि मैं जेल में हूँ, इस वजह से लोगों ज़रा भी तकलीफ़ नहीं होनी चाहिए। गर्मियां भी आ रही है। जहां भी पानी की कमी है, वहाँ उचित संख्या में टैंकरों का इंतज़ाम कीजिए। मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को उचित आदेश दीजिए ताकि जनता को किसी तरह की परेशानी न हो। जनता की समस्या का तुरंत और समुचित समाधान होना चाहिए। ज़रूरत पड़ने पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना का भी सहयोग लें। वह आपकी ज़रूर मदद करेंगे।”
सुश्री आतिशी ने कहा,“कल जब मुख्यमंत्री की ओर से ये निर्देश मेरे पास आए तो मेरी आँखों में आँसू आ गए। मैंने सोचा कि कौन ऐसा व्यक्ति है जो इतनी विकट परिस्थिति में, जब उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया है और उन्हें पता नहीं है कि वो जेल से कब बाहर आयेंगे, जनता के बारे में सोचता है। कौन ऐसा व्यक्ति है को अपने बारे में न सोचकर दिल्ली वालों के बारे में सोचता है। कौन ऐसा व्यक्ति है जो अपनी इतनी बड़ी तकलीफ़ के बारे में न सोचकर दिल्लीवालों के छोटे-छोटे पानी और सीवर से जुड़ी समस्याओं के बारे में सोचता है।”
जल मंत्री ने कहा ,“ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए दिल्ली के लोग सिर्फ़ वोटर नहीं है, वह दिल्ली वालों के लिए सिर्फ़ मुख्यमंत्री नहीं है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लोगों को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। उन्होंने दिल्ली की सरकार को एक बेटे की तरह, एक भाई की तरह एक परिवार की तरह चलाया है। यही कारण है कि आज इतनी मुश्किल परिस्थति में होते हुए भी हर दिल्लीवाले के लिए सोच रहे हैं।”
उन्होंने कहा “, मैं भाजपा को ये बताना चाहती हूँ कि, आप अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार कर सकते है, उन्हें जेल में डाल सकते है लेकिन जो अरविंद केजरीवाल का दिल्लीवालों के प्रति प्यार है, ज़िम्मेदारी का भाव है, उसे क़ैद नहीं कर सकते। दिल्ली वालों के प्रति उनके समर्पण को क़ैद नहीं कर सकते।”