लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लगातार दूसरे साल भी गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार को किसान विरोधी तथा कारपोरेट संरक्षक बताया है।
उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री जी बात किसान की करते है और काम चीनी मिल मालिकों का करते हैं। उनका यह दोहरा चरित्र जनता को जाहिर हो गया है।
भाजपा सरकार ने सभी कायदे कानून ताक पर रख दिए हैं। 14 दिन में गन्ना किसान को करोड़ों का बकाया भुगतान न होने पर ब्याज देने की शर्त को भाजपा सरकार ने भुला दिया है। यह वायदा खिलाफी भ्रष्टाचार की श्रेणी का कृत्य है।
राज्य सरकार ने गन्ने का समर्थन मूल्य गत वर्ष जितना ही रखा है। इससे किसानों में घोर असंतोष और आक्रोश होना स्वाभाविक है। समाजवादी सरकार ने गन्ना किसानों को 40 रूपए की वृद्धि देकर किसानों के हित में कदम उठाया था।
गन्ना किसानों के साथ भाजपा सरकार ने धोखा किया है। किसान की 450 रूपए मांग को अनसुना कर दिया है। भाजपा सरकार ने किसान के हितों पर आघात किया है। भाजपा सरकार की इस बेरूखी को किसान कभी नहीं भूल सकते हैं। किसानों के गन्ना उत्पाद की न्यायपूर्ण कीमत न देने पर भाजपा को भारी राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ेगी।