अहमदाबाद, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अहमदाबाद शहर में मंगलवार को आषाढ़ी दूज के मौके पर कड़ी सुरक्षा के बीच ‘पहिंद’ विधि कर जमालपुर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर की 143वीं वार्षिक रथयात्रा की शुरुआत की।
इससे पहले गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने मंदिर में तड़के चार बजे मंगला आरती में भाग लिया जहां मुख्य पुजारी महंत दिलीप दास ने उन्हें सम्मानित किया। भगवान की तीनों प्रतिमाओं की आंखों पर बंधी पट्टी खोलने की विधि के बाद पौने छह बजे भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम को रथों पर विराजमान किया गया। उसके बाद श्री रूपाणी ने सुबह सात बजे एक सोने के झाड़ू से मार्ग साफ करने की ‘पहिंद’ विधि कर रथ को खींच कर मंदिर परिसर में भगवान की इस रथयात्रा की शुरुआत की।
राज्य सरकार ने कल रात रथयात्रा निकालने की इजाजत के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। देर रात हुई सुनवाई के बाद अदालत ने पारंपरिक तौर पर रथयात्रा को निकालने की अनुमती देने से इन्कार कर दिया। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मंदिर परिसर में ही सादगी से निकल रही है।
सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथयात्रा में केवल तीन रथों में भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा और रथ खींचने वाले भक्त गण ही हैं।
उल्लेखनीय है कि गुजरात में कोरोना विषाणु यानी कोविड-19 संक्रमण से संक्रमितों की कुल संख्या 27880 पर पहुंच गयी है जिनमें सर्वाधिक 19141 मामले अहमदाबाद में दर्ज कीए गए हैं। राज्य के सभी 33 जिले कोरोना प्रभावित हैं। पिछले कुछ दिनों से सूरत में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।