गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां निकलने वाली परंपरागत होली शोभा यात्रा में शामिल नहीं हुए।
श्री योगी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से निकाली जाने वाली इस शोभा यात्रा में वर्ष 1996 से शामिल होते रहे हैं।
मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद बढी व्यस्तता के बावजूद उन्होंने इस क्रम को जारी रखा था मगर इस वर्ष निकाली गयी शोभा यात्रा में वह शामिल नहीं हुये।
हालांकि उन्होने पहले ही ‘कोरोना’ वायरस के संक्रमण के बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से होली पर्व से दूरी बनाने की घोषणा कर दी थी।
पिछले 24 वर्ष में यह पहला मौका है जब गोरक्षपीठाधश्वर ने जनहित में यात्रों में भाग नहीं लिया है। मुख्यमंत्री की गैरमौजूदगी में निकाली गयी इस शोभा यात्रा में होलियारे शामिल रहे और लोगों ने अबीर गुलाल उडाकर होली पर्व को और उत्साह से भर दिया।
यह शोभा यात्रा सुबह आढे आठ बजे गोरखपुर के घंटाघर से शुरू होकर महानगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए घंटाघर पर वापस आकर समाप्त हुआ। इस अवसर पर लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर होली की बधाइयां दी। शोभा यात्रा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
मुख्यमंत्री के गोरखपुर आवास स्थित गोरखनाथ मंदिर में आज सायं पांच बजे होली मिलन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें होली के विविध कार्यक्रमों के अतिरिक्त होली मिलन का आयोजन होगा।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ की सुबह की दिनचर्या परंपरागत रही। सुबह पांच बजे आवास से निकलने के बाद उन्होंने पहले गुरू गोरक्षनाथ की पूजा अर्चना की और फिर अपने गुरू ब्रहमलीन महंत अवेद्यनाथ के सामधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। योगी मंदिर परिसर में भ्रमण के बाद करीब आधा घंटा गोशाला में गुजारा और गायों को गुण चना खिलाया।