लखनऊ, कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों की बहाली पर जोर देते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिये सेक्टोरल नीति बनाने की जरूरत है।
सूबे के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को यहां पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक गतिविधियों की बहाली के लिए औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना आवश्यक है। इसके लिए सेक्टोरल नीति बनाकर प्रस्तुत किया जाए। नए उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि की पर्याप्त उपलब्धता जरूरी है। इस मकसद से राजस्व तथा औद्योगिक विकास विभाग लैण्ड बैंक स्थापना की कार्ययोजना बनाते हुए उसे लागू करने का काम करें।
श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में रह रहे अन्य राज्यों के ढाई लाख श्रमिकों एवं कामगारों के उनके गृह प्रदेश में भेजने के लिए सम्बन्धित राज्य को ऐसे श्रमिकों एवं कामगारों की सूची उपलब्ध कराई जाये। दुकानों, मण्डियों, बैंक शाखाओं आदि में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन होना चाहिये और सभी लोग मास्क अवश्य पहनें। गांव तथा शहर में सर्विलांस कार्य को और प्रभावी करने के लिए निगरानी समितियों को सुदृढ़ बनाया जायेगा।
उन्होंने आगरा, मेरठ तथा कानपुर में लाॅकडाउन को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए। श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार एवं श्रमिक के आगमन को देखते हुये क्वारंटीन की क्षमता को बढ़ाने जरूरत है। सेन्टर एवं आश्रय स्थल पर साफ-सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम किए जायें।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अब तक 268 ट्रेन के माध्यम से लगभग 3,26,040 प्रवासी कामगार एवं श्रमिक आये हैं। प्रदेश में विगत दिनों में आये कामगार एवं श्रमिकों को मेडिकल स्क्रीनिंग के उपरान्त खाद्यान्न देकर होम क्वारंटाइन के लिये घर भेजा जा रहा है। उन्होने बताया कि प्रदेश में स्थापित 5805 क्रय केन्द्रों के माध्यम से लगभग
179.86 लाख कुन्तल गेहूँ की खरीद की जा चुकी है।
उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 31.84 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई किट) तथा मास्क बनाने की 70 यूनिट उत्पादनरत हैं।