लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज स्वच्छ भारत मिशन की मुक्तकंठ से तारीफ की है। उन्होने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम से यूपी सरकार को बुरेवक्त बहुत मदद मिली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वच्छता की आदत ने कोरोना महामारी के प्रभावी नियंत्रण में मदद की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में इंसेफेलाइटिस की रोकथाम व उसके नियंत्रण में स्वच्छ भारत मिशन का प्रमुख योगदान है। इस क्षेत्र में इंसेफेलाइटिस के प्रकोप से पहले अनेक छोटे बच्चों की मृत्यु हो जाती थी। प्रदेश सरकार ने अन्तर्विभागीय समन्वय, शौचालय व स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की आधारभूत संरचना को मजबूत करते हुए इंसेफेलाइटिस सहित अन्य संक्रामक बीमारियों की रोकथाम में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। आज इस क्षेत्र में इंसेफेलाइटिस से होने वाली दुःखद मौतों में 98 प्रतिशत की कमी आयी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार के सहयोग से 02 करोड़ 61 लाख परिवारों को निःशुल्क शौचालय तय समय से पहले उपलब्ध कराए हैं। यह शौचालय नारी गरिमा की रक्षा के साथ ही, उत्तम स्वास्थ्य के वाहक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
श्री योगी ने आज वाराणसी में टाइम्स वॉटर कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की नदी संस्कृति को समृद्ध एवं विकसित बनाए रखने के लिए पूरी प्रतिबद्धता व ईमानदारी के साथ कार्य कर रहे हैं। श्री मोदी ने माँ गंगा को स्वच्छ एवं अविरल बनाने के लिए ‘नमामि गंगे’ परियोजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने नदी पुनरुद्धार के कार्यों को वास्तविकता के साथ धरातल पर उतारने का कार्य किया है।
उन्होने कहा कि यह वॉटर कॉन्क्लेव जीवन जीने की कला व आने वाले जीवन को बचाने की जागरूकता का कार्यक्रम है। भारतीय मनीषियों ने जल को जीवन का पर्याय माना है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश में घर-घर शौचालय बनवाने के कार्य को सम्पादित किया है। स्वच्छ भारत मिशन से लोगों में स्वच्छता की आदत का विकास हुआ है, जिसका लाभ हम सभी को कोरोना कालखण्ड में देखने को मिला है। इस स्वच्छता की आदत ने कोरोना के प्रभावी नियंत्रण में मदद की है।
श्री योगी ने कहा कि ‘नमामि गंगे’ परियोजना के कार्यों से आज माँ गंगा निर्मल व अविरल रूप से प्रवाहित हो रही हैं। दशकों तक गंगा में डॉल्फिन समाप्त हो चुकी थीं, किंतु अब गंगा में डॉल्फिन भी दिखाई दे रही हैं। गंगा नदी के स्वच्छ जल का सकारात्मक प्रभाव प्रयागराज कुम्भ-2019 में देखने को मिला है। कुम्भ में विभिन्न देशों के अतिथियों ने गंगा नदी के निर्मल जल में स्नान कर माँ गंगा के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर की। दिव्य एवं भव्य कुम्भ ने स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था के उत्कृष्ट मानक तय किए, जिसकी देश और दुनिया में प्रशंसा की गयी। प्रयागराज कुम्भ आज उत्तर प्रदेश का ब्राण्ड बन चुका है।