देहरादून, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई मंत्रीमंडल (कैबिनेट) बैठक में विभिन्न 13 (तेरह) बिन्दुओं को स्वीकृति प्रदान की गई।
कैबिनेट बैठक के बाद उसमें हुए निर्णयों की संवाददाताओं को प्रदेश के मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में लागू उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग, पंचायत राज और स्थानीय निकाय, (नियुक्ति और सेवा की शर्तें) (संशोधन) नियमावली – 2023 के संबंध में केबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। जिसमें राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति एवं सेवा की शर्तों हेतु राज्य में लागू संबंधित नियमावली 1994 के अध्याय दो नियुक्ति के नियम 4 पदावधि में निहित प्राविधानों को संशोधित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री के अनुमोदन ऊपरान्त शासन की अधिसूचना संख्या-1 /118332/2023, दिनांक 28 अप्रैल, 2023 के द्वारा उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (पंचायत राज और स्थानीय निकाय) (नियुक्ति और सेवा की शर्तें) नियमावली – 2023 प्रख्यापित की गयी है। नियमावली के प्रख्यापन के उपरान्त राज्य निर्वाचन आयोग की पदावधि पांच वर्ष अथवा पैंसठ वर्ष के स्थान पर छह वर्ष अथवा 68 वर्ष कर दी गयी है।
कैबिनेट ने प्राधिकरण क्षेत्रान्तर्गत, मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता किये जाने के उपरांत, कार्मिकों की तैनाती के प्रस्ताव में संशोधन के संबंध में भी निर्णय किया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वर्ष 2016 से पूर्व के प्राधिकरणों एवं विनियमित क्षेत्रों को छोड़कर नये सम्मिलित क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया को वर्ष 2021 में अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया गया था, जिस कारण अनियमित / अनियोजित निर्माण हो रहा था। इसके दृष्टिगत प्राधिकरण क्षेत्रों में मानचित्र स्वीकृति की अनिवार्यता किये जाने तथा कामिकों की तैनाती का प्रस्ताव मंत्रिमण्डल की दिनांक: 18.04.2023 को आयोजित बैठक में प्रस्तुत किया गया था। प्राधिकरणों में सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ता एवं वास्तुविद / सहायक वास्तुविद की तैनाती उपाध्यक्ष के स्तर से किये जाने का प्रस्ताव था। कार्मिकों की तैनाती संबंधित प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा पृथक-पृथक किये जाने हेतु प्रत्येक प्राधिकरण स्तर पर आर०एफ०पी० तैयार किये जाने में कठिनाई तथा प्राधिकरण में पदों की संख्या कम होने के कारण इस हेतु सेवा प्रदाता फर्म के कम आकर्षित होने की संभावनाओं के दृष्टिगत कार्मिकों की तैनाती की कार्यवाही केन्द्रीयित रूप में उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण के स्तर से संपादित किये जाने के आशय का संशोधित प्रस्ताव का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट ने उत्तराखण्ड भू-सम्पदा (विनियमन तथा विकास) (सामान्य) नियमावली, 2017 में प्रथम संशोधन करते हुए उत्तराखण्ड भू-सम्पदा (विनियमन तथा विकास) (सामान्य) (संशोधित) नियमावली 2023 के प्रख्यापन के संबंध में भी निर्णय किया। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष आय-व्ययक पारित होने के उपरान्त, जनपदों को जिला योजना बजट प्रेषित करने का केबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।
पिछले वर्ष 22 दिसम्बर को मसूरी में हुए चिन्तन शिविर में प्राप्त प्रमुख सुझाव और बिन्दुओं पर कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसके साथ कैबिनेट की 20 दिसम्बर, 2022 को हुई बैठक के क्रम में 22 दिसम्बर, 2022 के बिन्दु सं०- (23)2 “वित्त विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष, जिला योजना का परिव्यय / बजट निर्धारण की सूचना जनपदों को 31 दिसम्बर तक संसूचित किया जायेगा” को संशोधित करते हुए उसके स्थान पर ‘आय-व्ययक पारित होने के उपरान्त जनपदों को जिला योजना का बजट प्रेषित किया जाय’ अनुमोदित करने का निश्चय किया गया।
मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने आज नवीन चकराता टाउनशिप को पुरोड़ी-नागथात- लखवाड़ से यमुना नदी तक विकसित किये जाने हेतु विकास क्षेत्र घोषित किये जाने का निर्णय भी लिया। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद हेतु संगठनात्मक ढांचे के पुर्नगठन एवं अतिरिक्त पदों के सृजन के सम्बन्ध में भी केबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। साथ ही, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के मुख्यालय एवं जनपदीय ढांचे को भी सुदृढ़ किये जाने के दृष्टिगत वर्तमान में सृजित कुल 269 पदों में 37 पदों (12 पद मुख्यालय 25 पद जनपद कार्यालय) की वृद्धि तथा चतुर्थ श्रेणी के 5-5 व्यक्तियों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से रखे जाने की अनुमति केबिनेट द्वारा प्रदान की गयी।
कैबिनेट ने श्री केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत निर्मित होने वाले शिव उद्यान / चिन्तन स्थलों के नक्शा/मानचित्र की स्वीकृति शुल्क माफ किये जाने का निर्णय लिया है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 105 के अन्तर्गत, उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की वित्तीय वर्ष 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखे जाने का फैसला लिया गया। इसके अलावा, उत्तराखण्ड संग्रह राजस्व निरीक्षक एवं संग्रह नायब तहसीलदार सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2023 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में भी केबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया। जिसमें वर्ष 2009 से 2019 के मध्य कार्यरत संग्रह कार्मिक संवर्ग में पदोन्नतियां न होने से उत्पन्न हुई विसंगतियों का निराकरण किये जाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड राजस्व संग्रह निरीक्षक एवं संग्रह नायब तहसीलदार सेवा नियमावली, 2019 में संशोधन किए जाने का निर्णय केबिनेट द्वारा लिया गया।
डा संधु ने बताया कि मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना को लागू करने पर कैबिनेट द्वारा सहमति दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में उपखनिज के विदोहन की प्रक्रिया को सरलीकृत. व्यवहारिक एवं सुगम बनाये जाने तथा राजस्व वृद्धि हेतु उत्तराखण्ड उप खनिज (परिहार) नियमावली-2023 प्रख्यापित किये जाने का निर्णय भी लिया गया। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय उत्तराखंड को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट किए जाने के संदर्भ में गोलापर हल्द्वानी क्रिकेट स्टेडियम से लगी हुई 26.08 हेक्टेयर वन भूमि को ट्रांसफर करने पर कैबिनेट द्वारा सहमति दे दी गई है।