लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ़ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
यहां हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल परिसर में डॉ़ मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ 1947 में देश की आजादी और 1950 में संविधान लागू होने के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुच्छेद 370 लागू करके राष्ट्रीय अखंडता को कमजोर करने का प्रयास किया। इसके जवाब में, डॉ. मुखर्जी, जो उस समय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में कार्यरत थे, ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश की प्रतिष्ठा के लिए कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू किया।”
उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीर सत्याग्रह का अभियान चलाया और अपने प्राणों की आहुति दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की राजग सरकार ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर एक राष्ट्र, एक प्रधान और एक विधान की भावना का सम्मान किया है। यह कश्मीर, देश की अखंडता और सीमा सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक योगेश शुक्ला, विधान परिषद सदस्य डॉ. महेंद्र सिंह, रामचंद्र प्रधान, लालजी निर्मल, इंजी. अवनीश सिंह और मुकेश शर्मा मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ सोशल मीडिया अकाउंट पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “ महान देशभक्त, भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, प्रतिष्ठित शिक्षाविद और राष्ट्रवादियों के मार्गदर्शक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि! भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित उनका संपूर्ण जीवन और बलिदान सभी देशवासियों के लिए एक महान प्रेरणा है।”