लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के सभी मंत्रियों को सौ दिन के अंतराल पर जनता के समक्ष अपने विभाग के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश करने का निर्देश दिया है।
योगी ने विभागों के कामकाज के सौ दिन के एजेंडे को तय करने के बाद छह महीने और एक साल के काम का एजेंडा तय करने के लिये बुधवार को आहूत उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्देश दिये। इस कड़ी में मंत्रिपरिषद के समक्ष कृषि उत्पादन क्षेत्र से जुड़े के सात विभागों की भावी कार्ययोजना के प्रस्तुतिकरण पर मुख्यमंत्री योगी ने अपने दिशा निर्देश में कहा कि प्रत्येक विभाग को रोजगार सृजन के अवसरों पर फोकस रखना चाहिए। साथ ही उन्होंने सभी मंत्रियों को विभागीय योजनायें समयबद्ध तरीके से संचालित करने को कहा।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी विभागों के मंत्रियों को 100 दिनों के बाद जनता के सामने अपने कामों का विवरण प्रस्तुत करना होगा। योगी ने इसे सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही तय करने की दिशा में जरूरी कदम बताया।
इस दौरान उन्होंने मंत्रियों से मितव्ययिता पर ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि जनहित की योजनाओं के लिए धनराशि की कमी नहीं, लेकिन वित्तीय संतुलन जरूरी है।
उन्होंने बाढ़ नियंत्रण विभाग को बाढ़ बचाव से सम्बंधित सभी जरूरी काम 15 जून से पहले पूरे करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुराने तटबंधों की मरम्मत समय से कर ली जाए। बैठक में 11 विभागों के रोडमैप पर चर्चा की गयी।
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही द्वारा कृषि क्षेत्र के अगले अगले छह माह और एक साल के कामकाज के रोडमैप के प्रस्तुतिकरण पर योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार कृषकों की आय में गुणात्मक वृद्धि करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में ऐसा परिवेश तैयार किया जाए जहां पर्यावरण के प्रति संवेदनशील कृषि व्यवस्था स्थापित हो सके। जिससे खाद्यान्न एवं पोषण की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि तकनीक एवं पारंपरिक कृषि विज्ञान का संतुलित उपयोग किये जाने की जरूरत पर बल देते हुए कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान को किसानों के प्रति हितकारी और जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। उन्होंने नहरों के टेल तक पानी पहुंच सके, इसके लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिये।
योगी ने पीएम किसान सम्मान योजना में लाभार्थियों के नाम न मिलने की समस्या का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिये विशेष अभियान चला कर डेटा सुधार किया जाये साथ ही इस योजना का लाभ उठा रहे अपात्र किसानों से वसूली भी की जाये। इसके लिये उन्होंने 31 मई तक कृषकों की ई-केवाईसी पूर्ण करने के निर्देश दिये।