लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ते वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए इसे बढ़ाने वाले कारकों पर अंकुश लगाने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं इसके निवारण के लिएकिए जा रहे उपायों की समीक्षा की। इस अवसर पर देर शाम यहां आयोजित एक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने वायु प्रदूषण की खराब स्थिति वाले मण्डलों के मण्डलायुक्तों तथा जिलों के जिलाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों जैसे पराली जलाना, कूड़ा जलाना, निर्माण कार्यों से होने वाले वायु प्रदूषण, विद्युत आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जनरेटरों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने वायु प्रदूषण के निवारण के लिए परिवहन, टैफिक, गृह, नगर विकास, राजकीय निर्माण, खनन, फायर सेफ्टी, शिक्षा, कृषि, खाद्य एवं रसद विभागों के साथ-साथ आवास विकास परिषद, यूपीपीसीएल, सीएनजी आपूर्तिकर्ता कम्पनियों, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एनएचएआई सहित जिला प्रशासन को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी उपाय करने के निर्देश दिए।श्री योगी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरों में कूड़े का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए और इसे आग लगाकर निस्तारित करने पर पूरी तरह से रोक लगायी जाए।
उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर सम्बन्धित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन इकाइयों द्वारा वायु प्रदूषण रोकने के लिए सभी निर्धारित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान प्रदेश में कहीं भी पराली न जलाएं। उन्होंने इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने किसानों को खेतों में पराली जलाने से जमीन की उत्पादकता पर पड़ने वाले कुप्रभाव से भी किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने पराली को कम्पोस्ट में तब्दील करने की सम्भावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए।