नई दिल्ली, थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के उपचार को बढ़ावा देने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉ स्पिटल्स के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस बीच विशेषज्ञों ने बताया कि इससे थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों तक उपचार सेवाएं पहुंचाने में सहयोग मिलेगा।
थैलेसीमिया बाल सेवा योजना-
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और थैलेसीमिया इंडिया के साथ मिलकर कोल इंडिया लिमिटेड का सीएसआर कार्यक्रम थैलेसीमिया बाल सेवा योजना चल रही है जिसे आगे बढ़ाने के लिए इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के साथ यह साझेदारी की है। विशेषज्ञों ने बताया कि यह पहल थैलेसीमिया और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले गंभीर अप्लास्टिक एनीमिया से प्रभावित बच्चों की देखभाल और सहायता का विस्तार करने के लिए बनाई गई है।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट और सेलुलर थेरेपी–
इस दौरान नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉ स्पिटल के सेंटर फॉर बोन मैरो ट्रांसप्लांट एंड सेल्युलर थेरेपी के निदेशक और पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. गौरव खरया ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट और सेल्युलर थेरेपी को लेकर संस्थान की प्रतिबद्धता को साझा किया। उन्होंने जटिल मामलों में आपसी सहयोगात्मक प्रयासों का हवाला देते हुए बोन मैरो ट्रांसप्लांट और सेलुलर थेरेपी केंद्र के लिए अस्पताल की दूरदेशी दृष्टि को भी उजागर किया।
उन्होंने कहा, “कोल इंडिया लिमिटेड के साथ हमारा यह सहयोग थैलेसीमिया और गंभीर अप्लास्टिक एनीमिया से जूझ रहे बच्चों के जीवन को बदलने के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण क्षण है। कोल इंडिया के समर्थन के साथ हमारे सहानुभूतिपूर्ण देखभाल और अत्याधुनिक विशेषज्ञता को जोड़कर हम जो खिम भरी इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए दृढ़ हैं। साथ मिलकर हम न केवल इन युवा रोगियों की मदद करने में सक्षम होंगे ब ल्कि उनके स्वस्थ और उज्जवल भविष्य की आशा भी करेंगे।”
विशेषज्ञों ने बताया कि यह साझेदारी दोनों संगठनों की ताकत और विशेषज्ञता के संयोजन से थैलेसीमिया और गंभीर अप्लास्टिक एनीमिया रोगियों के लिए उपलब्ध उपचार की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए तैयार है। यह इन बीमारियों से पीड़ित बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य परिणामों की दिशा में एक सार्थक प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है, जो सहानुभूतिपूर्ण, नवीन और दयालु देखभाल के लिए साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
चिकित्सा प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता में सबसे आगे–
भारत में पहला सफल बाल चिकित्सा और वयस्क यकृत प्रत्यारोपण इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में किया गया था। अस्पताल चिकित्सा प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता में सबसे आगे है। यह अपने रोगियों की देखभाल के लिए नवीनतम नैदानिक, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा सुविधाओं की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है। अस्पताल ने 64 स्लाइस सीटी और 3 टेस्ला एमआरआई, नोवालिस टीएक्स और एकीकृत पीईटी सूट की शुरुआत के साथ भारत में सबसे बेहतर इमेजिंग तकनीक पेश की है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के बोन मैरो ट्रांसप्लांट और सेलुलर थेरेपी केंद्र में 12 बिस्तर की अत्याधुनिक सुविधा है। यह केंद्र देश भर में सबसे तेजी से बढ़ते बीएमटी केंद्रों में से एक है। यह केंद्र न केवल बोन मैरो ट्रांसप्लांट का उपयोग करके विभिन्न बीमारियों के परिणामों को अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि विभिन्न हेमटोलॉजिकल बीमारियों के लिए सीएआर टी कोशिकाओं और जीन थेरेपी जैसे कुछ अत्याधुनिक भविष्यवादी उपचारों पर भी सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
स्वास्थ्य जांच कार्यक्रमों की अवधारणा को बढ़ाया–
इंद्रप्रस्थ अपोलो ने निवारक स्वास्थ्य जांच कार्यक्रमों की अवधारणा को आगे बढ़ाया है और दशकों से एक संतुष्ट ग्राहक आधार तैयार किया है। पिछले कुछ वर्षों से द वीक सर्वेक्षण में अस्पताल को लगातार भारत के सर्वश्रेष्ठ 10 अस्पतालों में स्थान दिया गया है।
रिपोर्टर-आभा यादव