प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के गेट के बाहर मंगलवार को पीसीएस 2018 में स्केलिंग के मुद्दे पर प्रतियोगी छात्रों ने धरना प्रदर्शन किया।
अभ्यार्थियों की बडी संख्या को देखते हुए पुलिस ने आयोग की तरफ आने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया। प्रदर्शन के दौरान सैकडों प्रतियोगी छात्रों ने “सभी परीक्षाओं में अन्य राज्यों का कोटा निर्धारित हो, यूपीएससी का अंधुनकरण बन्द करो, यूपीएससी-2018 स्केलिंग का जवाब दो और हिन्दी भाषियों के साथ अन्याय नहीं चलेगा लिखी हुई हाथों में तख्ती पकड़ कर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी कर रहे थे। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
भीड़ में प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि आयोग बेमानी तरीके से काम कर रहा है और सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उनका आरोप है कि आयोग यह बताए की पीसीएस 2018 में विज्ञापन के अनुसार स्केलिंग प्रक्रिया लागू हुई है या नहीं, इसका जवाब तत्काल दे।
प्रदर्शन कर रहे मोहित नामक प्रतियोगी छात्र ने कहा कि आयोग के मानमाने रवैये पर सरकार को अंकुश लगाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग में भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद एवं स्केलिंग को अप्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है। पीसीएस 2018 के परिणाम से स्वत: स्पष्ट है कि स्केलिंग लागू नहीं है।
प्रतियोगी छात्रों का समर्थन करते हुए युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि पीसीएस-2018 के परिणामों से स्वत: स्पष्ट हो गया है कि स्केलिंग लागू नहीं किया गया है। उन्होने कहा कि जनदबाव के बाद सीबीआई जांच के आदेश के बाद लीपापोती करने और दोषियों को बचाने का ही नतीजा है कि ऐसी ताकतों का मनोबल बढ़ा हुआ है और उनपर किसी प्रकार का फर्क नहीं पड़ रहा है।
श्री सचान ने कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली भी जो पहले से ही अलोकतांत्रिक उसने तानाशाही बढ़ती जा रही है। गोपनीयता की आड़ में भाई-भतीजावाद का बोलबाला पहले जैसा ही है। इससे युवाओं में रोष व्याप्त है और इसका खामियाजा सरकार को भी भुगतना पडेगा।