लखनऊ , उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस अभिरक्षा में भागने का प्रयास करने के दौरान मारा गया कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के मामले में पुलिस की कार्यशैली को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गयी है।
समाजसेवी डा नूतन ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि विकास दूबे का कृत्य अत्यंत जघन्य था लेकिन जिस प्रकार से पुलिस ने इसके बाद गैरकानूनी कार्य किये हैं, वह भी अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि आरोप हैं कि विकास के मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय तथा अतुल दूबे को गाँव में मारा गया जबकि वे कथित रूप से घटना में शरीक नहीं होने के कारण गाँव में मौजूद थे।
इसी प्रकार उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे एवं अब स्वयं विकास को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है। पुलिस की कहानी में कई जाहिरा खामियां हैं. ऐसे ही जैसे विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया अथवा उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव किया गया, वह अवैधानिक व अनुचित था। नूतन ने इन आरोपों की जाँच की मांग की है।