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कांग्रेस कार्यालय पर पड़ा छापा, यूपी से लेकर दिल्ली तक की राजनीति गर्मायी ?

नई दिल्ली, लॉकडाउन के दौरान बिना किसी आदेश के अधिकारियों का कांग्रेस कार्यालय पहुंचने और वहां मौजूद कर्मचारियों से जबरन गोदामों व दूसरे कक्षों का ताला खुलवाया जाने का आदेश दिए जाने के बाद से कांग्रेस मे तीखी प्रतिक्रिया हैं।
सूत्रों के अनुसार,  उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय पर रविवार को प्रशासन ने छापा मारा और वहां रखी राहत सामग्रियों की जांच-पड़ताल की। इस घटना के बाद राजनीति तेज हो गई है।

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सूत्रों के अनुसार, रविवार शाम को तहसीलदार की अगुवाई में कुछ प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस टीम गौरीगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंची। इसके बाद टीम सीधे राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय गई और वहां रखी राहत सामग्रियों की जांच की। वहां मौजूद लोगों से राहत सामग्रियों के बारे में जानकारी ली। ब्योरा जुटाने के बाद टीम वापस चली गई।
इसपर, अमेठी से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस नेता भाजपा सरकार व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर आक्रोश वक्‍त कर रहे हैं।साथ ही  आपदा के समय अधिकारियों पर से जरूरतमंदों की राहुल-प्रियंका द्वारा की जा रही है मदद को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं।

कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद स्मृति इरानी पर निशाना साधा है। वही डीएम ने छापे के बारे में जानकारी होने से इनकार किया है।

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घटना के बाद एमएलसी दीपक सिंह ने ट्वीट कर मामले की जानकारी दी।
उन्होने लिखा, ‘स्मृति ईरानी जी,आप बड़ी भूल कर रही हैं। खुद अपने मंत्रालय से अमेठी को कुछ दिया नहीं, अगर राहुल और प्रियंका जी मदद कर रही हैं तो अधिकारियों से छापा डलवाया जा रहा है। यह सब सामान अमेठी की उस जनता के लिए है जो कांग्रेस के परिवार जैसी है।’ उन्होंने कहा कि छापा मारने वाले अधिकारियों को जवाब देना पड़ेगा।

वहीं, रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘गौरीगंज जिला कांग्रेस कार्यालय में बिना कारण और बिना वारंट प्रशासन छापा डालने पहुंचा। 

उन्होंने लिखा है, ‘‘शायद राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा अमेठी की जनता को दी जा रही मदद योगी सरकार को हज़म नही हुई। राजनीति छोड़ें, मिल कर मदद करें।’’ सुरजेवाला ने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी गौरीगंज में कांग्रेस के स्थानीय कार्यालय के बाहर खड़े नजर आ रहे हैं।

यूपी कांग्रेस ने भी इस घटना के मद्देनजर बीजेपी पर निशाना साधा है।
पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘बीजेपी वाले कह रहे हैं कि राहत सामग्री बांटी किनको जा रही है? अंताक्षरी से फुर्सत मिल जाए तब पता चलेगा न! अमेठी के मजदूर फंसे हैं, उसके बारे में भी बीजेपी को नहीं पता है। कांग्रेस ने पहले दिन से अमेठी में सेवा कार्य किया है। उधर डीएम ने मामले की जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि छापे की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि राहुल गांधी अमेठी से तीन बार सांसद रहे हैं। फिलहाल, वह केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद हैं। उन्हें हालिया लोकसभा चुनाव में बीजेपी की स्मृति इरानी ने अमेठी से हरा दिया था।

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 जबकि जिलाधिकारी अरुण कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जनसंपर्क कार्यालय पर छापेमारी की घटना से इनकार किया है। डीएम ने कहा कि अमेठी प्रशासन द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कांग्रेस के आरोपों पर एसडीएम गौरीगंज से पूरे मामले की जांच कराई गई। छापेमारी की खबर असत्य व निराधार है। डीएम ने देर रात ट्वीट कर यह जानकारी सार्वजनिक की। साथ ही उन्होंने एसडीएम की जांच रिपोर्ट को भी सार्वजनिक किया है।
@DmAmethi

उक्त प्रकरण में एसडीएम गौरीगंज से जांच कराई गई, छापेमारी की खबर असत्य एवं निराधार है।

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