नयी दिल्ली , कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार तथा केजरीवाल सरकार की कथित विफलताओं के विरोध में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पूरे राजधानी में 1000 से भी अधिक जगहों पर धरना दिया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धरना सुबह 10.30 बजे से 11.00 बजे तक आयोजित किया गया। सामाजिक दूरी का ध्यान रखकर धरने पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथ में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी और केजरीवाल दोनों सरकारों ने बैठक करके सिर्फ बातचीत में समय व्यर्थ किया है, कोई रणनीति नही बनाई जिसके कारण दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित धरने पर प्रदेश अध्यक्ष के साथ पार्टी के नेता आदर्श शास्त्री, परवेज आलम, संदीप गोस्वामी और जावेद मिर्जा के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल थे।
श्री कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही सरकारों ने पहले लॉकडाउन के बाद महत्वपूर्ण 84 दिनों का कीमती समय बर्बाद किया जबकि इस दौरान कोविड मामले एकल अंकों में थे जिन पर नियंत्रण पाया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि ये दोनों सरकारें कोई कार्यवाही न करके एक दूसरे की पीठ थपथपाने की आपसी कवायद में लगी है जबकि इसके बजाय इनको सुविधाओं को बढ़ाने, अस्पताल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ जैसे कोरोना योद्धाओं और सेनिटाईजेशन कर्मचारी जो सीधे कोविड लड़ाई से जुड़े है इनके लिए सभी आवश्यक उपकरण और सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने अपनी मांग को दोहराया कि निःशुल्क कोविड टेस्ट का अधिकार दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को मिलना चाहिए। कोविड मरीज तथा कंटेन्मेन्ट जोन में रह रहे प्रत्येक परिवार को तुरंत प्रभाव से 10000 रुपये दिए जाये ताकि लॉकडाउन के कारण वित्तिय संकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सके क्योंकि केजरीवाल सरकार ने बिना किसी योजना तैयार किए ही लॉकडाउन को दिल्ली पर लागू कर दिया।