चुनाव से पहले कांग्रेस का दांव,मो.अजहरुद्दीन को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
November 30, 2018
नई दिल्ली, चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के नामी चेहरे और पूर्व सांसद अजहरुद्दीन को अहम जिम्मेदारी सौंपी है।इसके साथ ही राहुल ने कई और फैसले लिए हैं।
तेलंगाना में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा फैसला लिया है।कांग्रेस ने पूर्व सांसद और पूर्व क्रिकेटर मो. अजहरुद्दीन को तेलंगाना कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।अजहरुद्दीन ने कुछ समय पहले ही तेलंगाना से अगला लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। उन्होंने राजस्थान के टोंक सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ा था। वहीं, उससे पहले 2009 में वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से जीत कर संसद पहुंचे थे। राज्य में चुनाव के मद्देनजर राहुल ने तैयारी के साथ जिम्मेदारियों पर फैसले लिए हैं।
पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि हालांकि पार्टी आलाकमान तय करेगा कि उन्हें टिकट कहां से दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने सिकंदराबाद से लड़ने की अपनी इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि मैंने पहले मुरादाबाद से चुनाव लड़ा और उसके बाद टोंक चला गया। पर मैं ऐसा इंसान नहीं हूं जो हमेशा सुरक्षित खेलना पसंद करूं।
इसके साथ ही राहुल ने कई और फैसले लिए हैं। जिनमें संदीप दीक्षित का नाम भी शामिल है। संदीप दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं। उनको एआईसीसी का सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है।
बता दें कि इस बार तेलंगाना में दिलचस्प मुकाबला होता नजर आ रहा है।तेलंगाना की सत्ता पर काबिज टीआरएस के मुखिया चंद्रशेखर राव आबादी को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यकों को 12 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का ऐलान कर चुके हैं। साथ ही पार्टी के घोषणा पत्र में मस्जिदों और चर्च पर फोकस करते हुए यहां के इमामों और पादरियों को मासिक वेतन तक देने को कहा है। वहीं कांग्रेस ने तेलुगू देशम पार्टी , सीपीआई (एम) और तेलंगाना जन समिति के साथ महागठबंधन कर मैदान में उतरी है।राहुल गांधी का अजहरुद्दीन को यह पद दिया जाना समीकरण के नजरिए से देखा जा रहा है।
तेलंगाना में 119 विधानसभा सीट हैं। जिन पर 7 दिसंबर को तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी।क्या घटक दल अपना-अपना वोट एक-दूसरे को दिला पाएंगे, इस पर सबकी नजर है।सत्तारुढ़ टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) को 2014 के विधानसभा चुनाव में 34.3 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 25.2 और टीडीपी को 14.7 फीसदी वोट मिले थे। टीडीपी का पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन था। भाजपा सात दिसंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में है।