बता दें कि इस बार तेलंगाना में दिलचस्प मुकाबला होता नजर आ रहा है।तेलंगाना की सत्ता पर काबिज टीआरएस के मुखिया चंद्रशेखर राव आबादी को ध्यान में रखते हुए अल्पसंख्यकों को 12 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का ऐलान कर चुके हैं। साथ ही पार्टी के घोषणा पत्र में मस्जिदों और चर्च पर फोकस करते हुए यहां के इमामों और पादरियों को मासिक वेतन तक देने को कहा है। वहीं कांग्रेस ने तेलुगू देशम पार्टी , सीपीआई (एम) और तेलंगाना जन समिति के साथ महागठबंधन कर मैदान में उतरी है।राहुल गांधी का अजहरुद्दीन को यह पद दिया जाना समीकरण के नजरिए से देखा जा रहा है।

तेलंगाना में 119 विधानसभा सीट हैं। जिन पर 7 दिसंबर को तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी।क्या घटक दल अपना-अपना वोट एक-दूसरे को दिला पाएंगे, इस पर सबकी नजर है।सत्तारुढ़ टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) को 2014 के विधानसभा चुनाव में 34.3 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को  25.2 और टीडीपी को 14.7 फीसदी वोट मिले थे। टीडीपी का पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन था। भाजपा सात दिसंबर को होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में है।