नयी दिल्ली, घरेलू उड़ानें दुबारा शुरू होने के बाद करीब डेढ़ महीने में आठ सौ से अधिक लोग यात्रा के बाद कोविड-19 से संक्रमित पाये गये हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि विमान के अंदर संक्रमण फैलनेे का अब तक कोई प्रमाण नहीं मिला है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव ऊषा पाढ़ी ने आज बताया कि 25 मई से उड़ानें दुबारा शुरू होने के बाद से करीब 27 लाख लोग हवाई यात्रा कर चुके हैं। उनमें आठ सौ से कुछ अधिक लोगों के बाद में कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि 27 लाख यात्रियों में मात्र 800 का संक्रमित हुये हैं जो बेहद कम है।
पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग चैम्बर द्वारा नागरिक उड्डयन क्षेत्र पर आयोजित एक वेबीनार को संबोधित करते हुये श्रीमती पाढ़ी ने कहा कि जो लोग हवाई यात्रा के बाद संक्रमित पाये गये थे उनके संपर्क में आने वाले यात्रियों के बारे में पूरी जानकारी एकत्र की गई। उनके बगल में, उनके आगे और पीछे बैठने वाले सभी यात्रियों के बारे में जानकारी ली गई तथा उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गई। उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमति नहीं पाया गया है।
भविष्य को लेकर अनिश्चितता की बात स्वीकार करते हुये श्रीमती पाढ़ी ने कहा कि इस बीच उम्मीद की किरण भी दिखी है। पूर्ण बंदी के दौरान ‘लाइफलाइन उड़ान’ के जरिये जिस प्रकार समय पर चिकित्सा सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई वह काबिले तारीफ है। इसी क्रम में उन्होंने विदेशों में फँसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू किये गये ‘वंदे भारत मिशन’ का भी जिक्र किया।
किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह, निजी एयरलाइंस एयरएशिया इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनिल भास्करन, देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के मुख्य रणनीति अधिकारी संजय कुमार और पीएचडी चैम्बर के अध्यक्ष डी.के. अग्रवाल समेत कई अन्य वक्ताओं ने कार्यक्रम में अपने विचार रखे।