नयी दिल्ली, राजधानी में कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटों में 1330 मामले सामने आए और संक्रमितों का आंकड़ा 26 हजार से अधिक गया और इस दौरान 25 मरीजों की मौत से कुल मरने वालों की संख्या 708 हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार देर रात जारी आकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में वायरस के 1330 मामले आए और कुल संख्या 26334 पर पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायरस से 10315 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जिनमें 417 लोग आज स्वास्थ हुए हैं। फिलहाल 15311 मामले सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि कल तक यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 650 थी और पिछले चौबीस घंटों में 25 लोगों की मौत हुई है जबकि मौत के बाकी आंकड़े पहले के है जिससे मृतकों की संख्या 708 पहुंच गई है। पूरे विश्व में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का प्रतिशत देखा जाए तो विश्व में इस समय यह औसतन 6.13 प्रतिशत है और भारत में 2.80 प्रतिशत है जो पूरे विश्व में सबसे कम है। अगर प्रति लाख आबादी के हिसाब से कोरोना मौतों का आंकड़ा देखा जाए तो पूरे विश्व में यह 4.9 प्रतिशत है लेकिन भारत में यह मात्र 0.41 प्रतिशत प्रति लाख है और बेल्जियम जैसे देश में यह दर 82.9 प्रतिशत प्रति लाख है।
आईसीएमआर ने पिछले दो माह से कोरोना परीक्षण की क्षमता बढ़ाने पर लगातार ध्यान दिया है और अब हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में कोरोना की परीक्षण सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इस समय देश में 724 प्रयोगशालाएं कोरोना की जांच मे लगी हैं। मार्च माह में हमारी टेस्टिंग क्षमता 20 से 25 हजार प्रतिदिन की थी जो अब बढ़कर सवा लाख से अधिक प्रतिदिन हो गई है। सरकार अब कोरोना की जांच के लिए ट्रूनेट प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रही है। यह तपेदिक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था और यह कोरोना के लिए कंफर्मेटरी टेस्ट है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और जिला स्तर के अस्पतालों में उपलब्ध है । इससे टेस्टिंग की क्षमता बढ़ गई है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि इसमें ‘बॉयो सेफ्टी’ की कोई अधिक जरूरत नहीं है।
इसके अलावा जीन एक्सपर्ट प्लेटफार्म से टेस्ट करने की प्रकिया भी शुरू कर दी गई है और इसके लिए नई मशीन भी आर्डर की गई है। यह भी जिला स्तर पर उपलब्ध है। देश में भारतीय आरएनए एक्सट्रेक्शन किट्स काफी संख्या में उपलब्ध हैं।
देश में कोरोना के संक्रमण का पता लगाने के लिए सीरो सर्वेक्षण किया जा रहा है और यह देश के 71 जिलों में जारी है।
कोरोना वायरस के इलाज को लेकर उच्चतम न्यायालय ने निजी अस्पतालों में कोरोना महामारी के इलाज पर आने वाले खर्च की ऊपरी सीमा तय करने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार काे पक्ष रखने को भी कहा है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने अभिषेक गोयनका की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा।
न्यायालय ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को एक सप्ताह में इस बारे में सरकार से निर्देश लेकर आने को कहा।
मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के इलाज खर्च की ऊपरी सीमा तय करने का केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की है।