लखनऊ, उत्तर प्रदेश में शनिवार को काेविड-19 मरीजों की पहचान के लिये सर्वाधिक 20,782 नमूनों की जांच की गयी जो अब तक का एक रिकार्ड है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कल एक दिन में सर्वाधिक 20,782 सैम्पल की जांच की गयी जो अब तक का एक रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 6,84,296 सैम्पल की जांच की गयी है।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 6,679 मामले एक्टिव हैं। अब तक 14,808 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब डिस्चार्ज का प्रतिशत 66.86 है।
उन्होंने बताया कि पूल टेस्ट के अन्तर्गत कुल 1899 पूल की जांच की गयी, जिसमें 1723 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 176 पूल 10-10 सैम्पल की जांच की गयी। श्री प्रसाद ने बताया कि आशा वर्कर्स द्वारा अब तक 19,01,712 कामगारों एवं श्रमिकों से उनके घर पर जाकर सम्पर्क किया गया जिसमें से 1664 लोगों में कोरोना जैसे लक्षण मिले। इन लोगों के सैम्पल लेकर उनकी जांच की जा रही है, जिसमें से 1253 लोगों की रिपोर्ट प्राप्त हुई, इनमें से 231 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।
श्री प्रसाद ने बताया कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समितियों के द्वारा निगरानी का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है। अब तक 1,49,840 सर्विलांस टीम द्वारा 1,09,93,288 घरों के 5,60,53,424 लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप से अलर्ट जनरेट आने पर कन्ट्रोल रूम द्वारा निरन्तर फोन किया जा रहा है। अलर्ट जनरेट होने पर अब तक 93,646 लोगों को कन्ट्रोल रूम द्वारा फोन कर जानकारी प्राप्त की गयी।
उन्होंने बताया कि सर्विलेंस के कार्य को बड़े स्तर पर बढ़ाया जा रहा है जिसकी शुरूआत मेरठ मण्डल में आगामी जुलाई माह में एक विशेष अभियान चलाकर की जायेगी। जिसके तहत डोर टू डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की जायेगी। उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रदेश के 17 मण्डलों में भी इस अभियान को प्रारम्भ किया जायेगा। इस अभियान के अन्तर्गत डोर टू डोर सभी घरों का सर्वेक्षण किया जायेगा। सभी इलाकों में कोमिविलिटी की भी पहचान किया जायेगा। इसमें सभी को कोरोना से बचाव तथा सावधानी बरतने के लिए कहा जायेगा।