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कोरोना- देश भर की जेलों में बंद कैदियों की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगी जानकारी

नयी दिल्ली,  उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनज़र देश भर की जेलों में बंद कैदियों की चिकित्सा सहायता के लिए किये जा रहे उपायों की जानकारी प्राप्त करने के लिए सोमवार को सभी राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किये।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने इस मामले में अचानक स्वत: संज्ञान लेते हुए अप्रत्याशित सुनवाई शुरू की।

न्यायालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, जेल महानिदेशकों और सभी राज्यों के सामाजिक कल्याण मंत्रालयों को नोटिस जारी करके पूछा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर जेल में बंद कैदियों की चिकित्सा सहायता के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं?

पीठ ने वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे को मामले में न्याय मित्र नियुक्त किया है।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, “जेलों में भीड़भाड़ बहुत रहती है। ऐसे में जेलों में क्या हालात हैं? यदि जेल में कोरोना वायरस का प्रकोप होता है, तो यह बहुत बड़ी संख्या को प्रभावित करेगा और यह कोरोना वायरस फैलाने का केंद्र बन सकता है। क्या हम इस हालात को देखते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और जेलों की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं?”

केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि तिहाड़ जेल जैसी जेलों में भीड़भाड़ को रोकने की कोशिश की जा रही है और अगर किसी व्यक्ति में कोई लक्षण पाये जाते हैं तो उन्हें आइसोलेशन में भेज दिया जायेगा।

मामले की अगली सुनवाई अब 23 मार्च को होगी।