मुंबई, लॉकडाउन बढ़ाये जाने के कारण बीते सप्ताह छह फीसदी से अधिक की गिरावट के बाद आने वाले सप्ताह में घरेलू शेयर बाजार की दिशा कोविड-19 और महँगाई तथा औद्योगिक उत्पादन के आँकड़ों पर निर्भर करेगी।
कोरोना वायरस के मामले बढ़ते हैं तो बाजार पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कोविड-19 के मरीजों की संख्या पिछले छह दिन में 20 हजार से अधिक बढ़कर 63 हजार के करीब पहुँच गयी है। इसके साथ ही अप्रैल की खुदरा तथा थोक महँगाई के आँकड़े और मार्च का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक भी इसी सप्ताह जारी होना है। इन दोनों कारकों से बाजार में निवेश धारणा प्रभावित होगी।
पिछले सप्ताह बीएसई का सेंसेक्स 2,074.92 अंक यानी 6.15 प्रतिशत लुढ़ककर 31,642.70 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 608.40 अंक यानी 6.17 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट के साथ सप्ताहांत पर 9,251.50 अंक पर रह गया।
मझौली और छोटी कंपनियों पर दबाव कुछ कम रहा। बीएसई का मिडकैप 4.91 प्रतिशत टूटकर सप्ताहांत पर 11,423.81 अंक पर और स्मॉलकैप 4.17 फीसदी गिरकर 10,638.70 अंक पर आ गया।
लॉकडाउन बढ़ाये जाने की घोषणा के बाद सोमवार को बाजार खुलते ही भारी गिरावट देखी गयी। सेंसेक्स 2,002.27 अंक यानी 5.94 प्रतिशत लुढ़ककर 31,715.35 अंक पर और निफ्टी 566.40 अंक यानी 5.74 प्रतिशत टूटकर 9,293.50 अंक पर बंद हुआ। इसके बाद पूरे सप्ताह बाजार वापसी नहीं कर सका। मंगलवार और गुरुवार को भी बिकवाली हावी रही जबकि बुधवार और शुक्रवार को लिवाली का जोर रहा।