मथुरा, जिला न्यायाधीश साधना रानी ने 35 साल से अधिक समय से लम्बित पड़े राजा मानसिंह हत्याकांड मामले में बुधवार को भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र के तत्कालीन सीओ कानसिंह भाटी एवं डीग थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह समेत 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास भोगने का आदेश दिया है।न्यायाधीश ने सभी पर जुर्माना भी लगाया है ।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 फरवरी 1985 को कांग्रेस प्रत्याशी रिटायर्ड आईएएस ब्रजेन्द्र सिंह के चुनाव प्रचार के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के लिए बनाए गए सभा मंच को निर्दलीय प्रत्याशी राजा मानसिंह ने तोड़ दिया था तथा मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर भी क्षतिग्रस्त कर दिया था।
वे संभवतः अपनी चुनाव प्रचार सामग्री के क्षतिग्रस्त करने से नाराज थे। मौके पर मौजूद पुलिस ने उस दिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नही की लेकिन अगले दिन जब राजा मानसिंह अनाज मंडी डीग :भरतपुर: में चुनाव प्रचार के लिए गए तो किसी अनहोनी की आशंका से लगभग तीन दर्जन से अधिक पुलिस और आरएसी के जवान सीओ डीग कानसिह भाटी के नेतृत्व में डीग थाने के दरोगा वीरेन्द्र सिंह के साथ पहुंच गए।
वहां मुठभेड़ में राजा मानसिह व उनके साथी सुमेर सिंह व हरि सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे । उन्हें भरतपुर के अस्पताल में ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हे मृत घोषित किया। इस घटना में चार अन्य विजय सिंह, चन्दन सिंह, नवाब सिंह एवं बाबूलाल भी घायल हो गए थे। घटना के समय राजा मानसिंह की गाड़ी में मौजूद राजा के दामाद विजय सिंह और उसके तीन अन्य साथियों को पुलिस ने धारा 307 आईपीसी के तहत गिरफ्तार कर लिया था।
इसी क्रम में दो दिन बाद विजय सिंह ने पुलिसवालों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट लिखाई थी। पहले मामला स्थानीय अदालत में चला तथा बाद में हुई सीबीआई जांच में 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी तथा मुकदमा मथुरा स्थानान्तरित कर दिया गया था।
न्यायाधीश ने पूर्व डीएसपी डीग कानसिंह भाटी, डीग थाने के पूर्व थानाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह, एएसआई रविशेखर, कान्स्टेबिल सुखराम, जीवनराम, जगमोहन,भमर सिंह, हरि सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह एवं पद्माराम को धारा 302 के जुर्म में आजीवन कारावास एवं दस हजार का प्रत्येक पर जुर्माने की सजा दी । जुर्माना नही अदा करने पर दो माह की अतिरिक्त सजा भुगगतनी होगी । सभी सजाएं साथ चलेंगी।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि मुकदमे के दौरान पूर्व डीएसपी कानसिंह भाटी के चालक महेन्द्र सिंह को अदालत ने बरी कर दिया था जब कि सुनवाई के दौरान एएसआई सीताराम, कान्सटेबिल कुलदीप एवं कान्सटेबल नेकीराम की मृत्यु हो गई थी । अदालत ने भरतपुर के क्राइम ब्रांच के पूर्व इन्सपेक्टर कानसिंह सिरवी, हेड मोहर्रिर हरिकिशन, मोहर्रिर गोविन्द प्रसाद को बरी कर दिया था ।
विद्वान न्यायाधीश ने तीनो मृतकों राजा मानसिंह, सुमेर सिंह एवं हरि सिंह में से प्रत्येक के परिवार को तीस तीस हजार देने का जहां आदेश दिया है वहीं घायलों विजय सिह, चन्दन सिह, नवाब सिंह एवं बाबूलाल में से प्रत्येक को दो दो हजार रूपए देने का भी आदेश दिया है।