मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जारी अपने अलग अलग बयानों में यह प्रतिक्रिया दी है। माकपा तीन और भाकपा केवल दो सीटों पर ही आगे रही है। पश्चिम बंगाल में माकपा एक भी सीट पर आगे नही है लेकिन तमिलनाडु में वह दो सीटों पर आगे रही है। केरल , तमिलनाडु , पुद्दुचेरी , बिहार और आँध्रप्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में भी उन्हें शिकस्त मिल रही है। इस तरह वाम दल का किला सब जगह ढह गया है।
माकपा पोलित ब्यूरो और भाकपा राष्ट्रीय सचिव मंडल ने अपने बयानों में कहा है कि वे जनता के फैसले को स्वीकारते हैं लेकिन देशवासियों को संवैधानिक संस्थाओं और मूल्यों की रक्षा करने की जरुरत है। भाकपा ने कहा कि यह हमे नहीं भूलना चाहिए कि मोदी सरकार एभाजपा और संघ परिवार ने धर्म तथा सेना के नाम पर लोगों का ध्रुवीकरण किया और जोड़तोड़ तथा तिकड़म भी किये । उन्होंने लोगों का ध्यान बेरोजगारी , नोट बंदी , कृषि संकट से हटाने में सफलता पायी।