अब सरकारी भ्रष्टाचार पर नियंत्रण व निगरानी के लिये, कृत्रिम बौद्धिकता का होगा प्रयोग
September 18, 2019
नयी दिल्ली, अब भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और निगरानी के लिये कृत्रिम बौद्धिकता का इस्तेमाल होगा ।
आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को निर्देश दिया है कि विभाग में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और निगरानी के लिये कृत्रिम बौद्धिकता (एआई) का इस्तेमाल किया जाये।
मिश्रा ने बुधवार को ‘‘भवन निर्माण क्षेत्र में उभरती तकनीकी’’ विषय पर सीपीडब्ल्यूडी द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा, कि उन्होंने विभाग के महानिदेशक प्रभाकर सिंह से विभिन्न परियोजनाओं में अनियमितताओं पर निगरानी के लिये एआई के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है।
इस दौरान उन्होंने संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय के पुनर्विकास परियोजना के लिये भी सीपीडब्ल्यूडी के ऐसे सक्षम अधिकारियों की टीम बनाने की जानकारी दी जो न सिर्फ सकारात्मक सोच वाले हों, बल्कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को तत्परतापूर्वक समय से पूरा करने में सक्षम हों ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सकारात्मक सोच वाले, उत्साही और कर्मठ अधिकारियों की तलाश तेज कर दी है। जल्द ही इन अधिकारियों का दल गठित किया जायेगा जिसकी निगरानी और कुशल नेतृत्व में इस परियोजना को समय से पूरा किया जा सके।’’
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ही संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय के पुनर्निमाण की परियोजना का खुलासा किया था। मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्नदृष्टा योजना बताते हुये कहा कि संसद भवन को वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक बनाते हुये 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के पहले इसका पुनर्विकास करने का लक्ष्य तय किया है।