Breaking News

यूपी में इतनी नई नगर पंचायतों का सृजन, इन प्रमुख नगरों की सीमा में भी विस्तार

लखनऊ , उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 नई नगर पंचायतों को मंजूरी दी है जबकि 12 नगर पंचायतों की सीमा में विस्तार को मंजूरी दी गई है और नौ नगर पालिका परिषदों का सीमा विस्तार भी स्वीकृत किया गया है।
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि बढ़ते शहरीकरण के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए कैबिनेट की बैठक में 28 नई नगर पंचायतों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 12 नगर पंचायतों की सीमा में विस्तार को मंजूरी दी गई है तथा नौ नगर पालिका परिषदों का सीमा विस्तार भी स्वीकृत किया गया है। उन्होनें बताया है कि राज्य के दो प्रमुख नगरों गोरखपुर और वाराणसी के सीमा में भी विस्तार प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है।
प्रदेश में दिसम्बर 2019 से पूर्व कुल 652 नगरीय स्थानीय निकाय थीं, जिनमें 17 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद एवं 437 नगर पंचायते थी। दिसम्बर 2018 में 56 नई नगर पंचायतों का सृजन किया गया एवं 41 नगर निकायों का सीमा-विस्तार किया गया तथा दो नगर पंचायतों सिसवा बाजार महराजगंज एवं नगर पंचायत मंझनपुर जिला कौशाम्बी का उच्चीकरण कर नगर पालिका परिषद का गठन कर शहरी क्षेत्र में वृद्धि की गई।
इसी प्रकार दिसम्बर, 2020 में कुल 276 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करते हुए 28 नई नगर पंचायतों का सृजन किया गया, 77 राजस्व ग्रामों को शामिल करते हुए 12 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया गया। कुल 102 राजस्व ग्रामों को नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित करते हुए नौ नगर पालिका परिषदों की सीमा का विस्तार किया गया तथा नगर निगम गोरखपुर के एक राजस्व ग्राम एवं नगर निगम वाराणसी में नौ राजस्व ग्रामों को सम्मिलित करते हुए नगर निगम की सीमा का विस्तार किया गया।
इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश में 518 नगर पंचायतों, 200 नगर पालिका परिषदों एवं 17 नगर निगमों को मिलाकर कुल नगरीय निकायों की संख्या 735 हो गई है। नए निकायों के गठन/विस्तारीकरण के पश्चात नगरीय जनसंख्या में 9,05,700 की वृद्धि तथा नगर निकायों के क्षेत्रफल में 57,474 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 31.16 फीसदी शहरी क्षेत्र है जबकि उत्तर प्रदेश में मात्र 22 प्रतिशत शहरी क्षेत्र है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 के सर्वे में विश्व स्तर पर नगरीकरण 54 प्रतिशत है। इस प्रकार वैश्विक स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर शहरीकरण की तुलना में उत्तर प्रदेश काफी पीछे है। इसको देखते हुये प्रदेश में शहरीकरण की वृद्धि पर बल दिया जा रहा है ताकि शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना तथा मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करते हुये सुनियोजित विकास कर जनसाधारण को अधिक से अधिक नागरिक सुविधाएं बेहतर तरीके से प्रदान की जा सके।