बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के खुर्जा नगर स्थित एक कॉलोनी में चार हमलावरों ने घर में घुसकर सिंचाई विभाग के रिटायर्ड सुपरवाइजर नेत्रपाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कार्य में शिथिलता बरतने के आरोप में चौकी प्रभारी तथा एक सिपाही को निलंबित कर दिया। खुर्जा के प्रभारी निरीक्षक की भूमिका की जांच कराने के लिए पुलिस अधीक्षक क्राइम को नामित किया है।
पुलिस सूत्रों ने शनिवार को यहां बताया कि खुर्जा नगर स्थित कलन कालिंदी कुंज में नेत्रपाल सिंह बाल्मीकि(65) परिवार के साथ रहते थे। वे शुक्रवार की रात में अपने घर पर थे। इस बीच चार लोग बातचीत करने के बहाने घर में आ गए और आते ही फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने से नेत्रपाल सिंह घायल हो गए उनको परिजन चिकित्सालय ले गए जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि नेत्रपाल सिंह के बेटे विपिन ने गत महिने प्रेम विवाह किया था, युवती दूसरी जाति की है। उन्होंने बताया कि इस व्यवहार से युवती के परिजन खुश नहीं थे। विपिन हरियाणा प्रांत में एक प्राइवेट बैंक में सर्विस करता है। वह अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पूर्व भी अपने घर वापस लौटा था।
उन्होंने बताया कि विपिन के परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका थी। इसी के चलते उन्होंने दो बार खुर्जा नगर पुलिस को इसकी जानकारी देते हुए सुरक्षा व्यवस्था की मांग की थी। आरोप है शुक्रवार की रात में युवती के पिता भाई, चाचा समेत चार लोग नेत्रपाल सिंह के बातचीत करने के बहाने कालिंदी कुंज स्थित उनके घर आ गए और उनको गोली मारकर घायल कर दिया। नेत्रपाल सिंह की चिकित्सालय में मौत हो गई।
श्री सिंह ने बताया कि खुर्जा नगर कोतवाली में चार लोगों को नामजद करते हुए हत्या की रिपोर्ट दर्ज की है। पुलिस ने नेत्रपाल के शव का पोस्टमार्टम कराया है। उन्होंने बताया कि जांच में चौकी इंचार्ज संतोष कुमार मिश्र और आरक्षी तेजवीर सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई। उन्होंने अपने कार्य में लापरवाही शिथिलता करती है। दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। प्रभारी निरीक्षक की भूमिका के बारे में जांच के आदेश दिए हैं। जांच एसपी क्राइम शिवराम यादव को सौंपी गई है।
एसएसपी ने बताया कि फिलहाल पुलिस का ध्यान नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी पर केंद्रित है। यदि प्रभारी निरीक्षक के विरुद्ध जांच में प्रतिकूल तथ्य मिले तो उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई होगी।