भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया, रविवार 0030 बजे से बुलबुल तूफान का दबाव सुंदरबन नेशनल पार्क (बंगाल) से 30 किमी दक्षिण पश्चिम की ओर बंगाल के तटीय इलाकों के ऊपर बना हुआ है। हालांकि रविवार सुबह इसके दक्षिण 24 परगना जिले को पार कर बांग्लादेश के उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने की आशंका है।
तेज हवा के साथ बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में तूफान से मची तबाही में 2 लोगों की मौत की खबर है। खतरे के मद्देनजर कोलकाता एयरपोर्ट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य युद्ध-स्तर पर चल रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्कूल कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रखे गए और तटीय क्षेत्रों के 1.2 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे खुद स्थिति की निगरानी कर रही हैं और बुलबुल तूफान से लड़ने के लिए प्रशासन इंतजाम कर रहा है। उन्होंने नागरिकों से शांति कायम रखने और परेशान न होने का आग्रह किया है।
अगले 6 घंटो के दौरान पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर समुद्र में हाइटाइड आएंगे। बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम में समुद्र में स्थिति काफी गंभीर रहेगी। इसके बाद इसमें धीरे-धीरे सुधार होगा। मौसम विभाग ने मछुआरों को अगले 12 घंटों के दौरान उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। इसी के साथ अगले 18 घंटे के लिए बंगाल की उत्तरी खाड़ी में भी न जाने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही अगले 36 घंटों में मेघालय, मिजोरम और असम में हल्की बारिश होने की संभावना है।
वहीं ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में चक्रवात बुलबुल का प्रभाव भले ही न के बराबर हो, लेकिन प्रदेश के तटीय जिलों में इसका खासा प्रभाव देखने को मिला। भद्रक जिले के तालचुआए में समुद्र में गिर जाने से मयुरभंज जिले के उदला निवासी लाल मोहन सिंह नाम के नाविक की मौत हो गई। वहीं, धामरा बंदरगाह के कालीनाली में मछली पकड़ने वाली नाव के डूब जाने से उसपर सवार 11 मछुआरे लापता हो गए। उनकी तलाश की जा रही है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में बताया गया कि पूर्वी नौसेना कमान बंगाल की ओर तेज गति से बढ़ रहे बुलबुल तूफान पर करीब से नजर बनाए हुए है। नौसेना की ओर से चक्रवाती तूफान को देखते मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी के साथ उन्हें करीबी बंदरगाहों व अन्य जगहों पर आश्रय लेने की भी सलाह दी गई है।