दलित मंत्रियों और सांसदों ने पीएम मोदी को घेरा, जानिये क्यों ?
March 28, 2018
नयी दिल्ली, दलित मंत्रियों और सांसदों ने एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर अपना रूख स्पष्ट किया. प्रधानमंत्री से मिलने वालों मे केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे.
केंद्रीय मंत्री एवं लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के सांसदों के शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर दलितों का रूख स्पष्ट किया.
उच्चतम न्यायालय ने 20 मार्च को एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत तत्काल गिरफ्तारी से संबंधित सख्त प्रावधान को थोड़ा हल्का कर दिया था. इस विषय पर विपक्षी दल सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत इस विषय पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का आग्रह करते हुए विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिख चुके हैं. उनका कहना है कि इस फैसले से कानून अप्रभावी होगा और दलितों एवं आदिवासियों को सामाजिक न्याय दिलाने की पहल प्रभावित होगी.
बैठक के बाद मंत्री राम विलास पासवान ने संवाददाताओं से कहा, ‘एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री के साथ अच्छी एवं विस्तृत चर्चा हुई. मोदीजी ने हमारी बातों और चिंताओं को ध्यान से सुना .रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने दलितों को सामाजिक न्याय सुनिश्चित कराने के विषय पर प्रधानमंत्री को चार सूत्री ज्ञापन सौंपा और उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया. अठावले ने कहा कि उन्होंने भारत सरकार की ओर से उच्चतम न्यायालय में विशेष समीक्षा याचिका दायर करने की मांग की.