लखनऊ, प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी ने आज कहाकि ‘नोवल कोरोना वायरस-2019’ के संक्रमण से बचाव, उपचार एवं रोकथाम के लिए प्रदेश में संवेदनशील देशों की सीमा से सटे जनपदों, प्रमुख पर्यटन स्थलों तथा एयरपोर्ट पर सभी तैयारियां रखी जाये। ऐसे जनपदों में मरीजों के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड, उपचार हेतु दवाओं, चिकित्सकों के प्रयोग में आने वाली सामग्री की पूर्ण व्यवस्था कर ली जाये। वाराणसी और लखनऊ के एयरपोर्ट पर स्थापित चिकित्सा शिविर की सूचना को प्रदर्शित रखा जाये। नेपाल, चीन, थाइलैण्ड और वियतनाम से आने वाले पर्यटकों की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके अस्वस्थ होने पर सरकारी चिकित्सालयों में ही भर्ती कराया जाए।
प्रमुख सचिव आज यहा योजना भवन स्थित सभा कक्ष में चीन में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रदेश को इसके संक्रमण से बचाने हेतु तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उन्होंने पर्यटन विभाग से इस वायरस के प्रकोप से बचाव हेतु संवेदनशील देशों से आये पर्यटकों का ब्यौरा रखने को कहा। उन्होंने कहा इस बात का ध्यान रखा जाये कि चीन की यात्रा से लौटे अथवा वहां से आये पर्यटक को नजला, सांस लेने में दिक्कत, फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं, तो उसका प्राइवेट चिकित्सा न कराकर सरकारी अस्पताल में ही भर्ती कराया जाए। उन्होंने सभी 07 एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था रखने, बुखार नापने के लिए ओरल थर्मामीटर का प्रयोग न करने, चिकित्सालयों की ओ.पी.डी. में संवेदनशील देशों से आये नागरिकों का ब्योरा रखने के भी निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव ने पंचायती राज विभाग के संबंधित अधिकारी संवेदनशील जनपदों के गावों में बैठक कराकर कोरोना वायरस की जानकारी एवं बचाव के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बैठक के साथ-साथ नेपाल की सीमा से सटे सभी जनपदों के जिला अधिकारियों एवं चिकित्सा अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके कोरोना वायरस से बचाव हेतु दिशा-निर्देश दिए।
संचारी रोग के निदेशक डा0 मिथलेश चतुर्वेदी ने रोग से बचाव एवं तैयारियों की आवश्यकता की जानकारी बैठक एवं कांफ्रेंसिंग में दी। ज्ञात हो कि प्रदेश में अभी किसी मरीज के कोरोना वायरस से ग्रसित होने की पुष्टि नहीं है।