पटना, पटना शहर स्थित एम्स में कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की मौत हो गयी है। बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि पटना एम्स में कोराना वायरस से संक्रमित 38 वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि एम्स में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित एक अन्य मरीज को पृथक रखा गया है । यह मरीज पटना निवासी एक महिला है और इसके परिवार में इटली यात्रा की हिस्ट्री मिली है । मुख्य सचिव ने बताया कि जिस मरीज की शनिवार को मौत हुई उसके बारे में पता लगाया जा रहा है कि पटना एम्स में भर्ती होने के पूर्व उसने कहां—कहां इलाज कराया और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा । जिस मरीज की शनिवार को मौत हुई उसके मुंगेर स्थित चुरम्बा गांव आने की तिथि, उसके दैनिक क्रियाकलापों का ब्यौरा इकठ्ठा करने के लिए मुंगेर के जिलाधिकारी राजेश मीणा ने जिला भविष्य निधि पदाधिकारी देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया है ।
पटना एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार ने रविवार को बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित उक्त मरीज की मौत कल सुबह हुई थी। उन्होंने बताया कि मरीज कतर से आया था और उसके गुर्दे काम नहीं कर रहे थे। बिहार के मुंगेर जिला निवासी इस मरीज को गत 20 मार्च को पटना एम्स में भर्ती कराया गया था । पटना एम्स के अधीक्षक डॉ. सी एम सिंह ने बताया कि उक्त मरीज के सैंपल को जांच के लिए 20 मार्च को ही आरएमआरआई भेजा गया था लेकिन जांच रिपोर्ट उसकी मौत के बाद कल शाम को प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि पटना एम्स में वर्तमान में कोरोना वायरस के संदिग्ध छह मरीज भर्ती हैं जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है ।
जिस मरीज की कल मौत हुई, उसकी रिपोर्ट आने से पहले ही, पटना एम्स प्रशासन द्वारा उसके शव को परिजनों को सौंप दिये जाने के बार में पूछने पर पटना एम्स के उपाधीक्षक डॉ. योगेश कुमार ने बताया कि पूर्व में निर्धारित मानक के अनुसार शव को अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिजनों को सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज का इलाज कर रहे सभी अस्पताल कर्मियों की जांच करवाये जाने के साथ नए मानक के तहत कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के लिए अलग-अलग कमरे की व्यवस्था की गयी है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि पटना स्थित नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल :एनएमसीएच: में भर्ती एक अन्य मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आज पुष्टि हुई है ।
पटना के फुलवारीशरीफ निवासी उक्त मरीज को इलाज के लिए पूर्व में पटना एम्स में भर्ती कराया गया था जहां से उसके फरार हो जाने पर उसे प्रशासन ने पकड़कर इलाज के लिए एनएमसीएच में भर्ती कराया था। संजय ने बताया कि अब बिहार में राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएमआरआई) के अलावा दो अन्य स्थानों पर कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल का जांच की गयी है । उन्होंने बताया कि दरभंगा मेडिकल कालेज अस्पताल में दो दिनों पूर्व से ही जांच शुरू कर दी गयी और इसके लिए आज पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को भी किट उपलब्ध करा दिया गया है।
आरएमआरआई निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से जांच के लिए कल तक आए 129 कारोना वायरस संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच पूरी कर ली गयी है जिनमें से तीन पॉजिटिव पाए गए। इनमें पटना एम्स के दो मामले जिसमें एक की मृत्य हो गयी तथा एनएमसीएच का एक मामला भी शामिल है। उन्होंने बताया कि कारोना वायरस संदिग्ध मरीजों के 14 अन्य सैंपल जांच के लिए प्राप्त हुए जिनमें 12 एनएमसीएच और दो पावापुरी से प्राप्त हुए हैं ।