चंडीगढ़, कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते पंजाब की जेलों में कैदियों की क्षमता घटाने के लिए करीब छह हजार कैदियों को छोड़ने का फैसला लिया है ।
जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कल यहां बताया कि उच्चतम न्यायालय की ओर से गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने सभी मापदंडों और प्रक्रिया को अपनाने हुये फ़ैसला किया जिसके तहत आरोपी कैदियों को छह सप्ताह की पैरोल और हवालाती कैदियों को छह सप्ताह की अंतरिम ज़मानत पर छोड़ा जायेगा। यह कमेटी पंजाब कानूनी सेवाएं आथॅारिटी के चेयरपर्सन की अध्यक्षता अधीन बनी थी जिसके सदस्य जेल के प्रधान सचिव तथा ए.डी.जी.प(जेल )थे।
जेल मंत्री ने बताया कि राज्य की 24 जेलों में इस समय पर 24 हजार कैदी हैं जबकि जेलों की क्षमता 23,488 है। कमेटी की रिपोर्ट अनुसार कोविड -19 के प्रकोप के चलते कैदियों के स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया । इस आसाधारण समय में समाज के सर्वपक्षीय कल्याण और कानून व्यवस्था को कायम रखते हुए सिफारिशें की गई। क्रिया चलाने के लिए अधिकारित किया गया है जिससे पैरोल की प्रक्रिया तेज़ की जा सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पोक्सो एक्ट, आई.पी.सी. की धारा 376, 379 -बी, तेज़ाबी हमले, यू.ए.पी.ए., विस्फोटक एक्ट और विदेशी नागरिकों के अंतर्गत दोषी करार कैदियों को रिहा नहीं किया जायेगा । एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत आने वाले कैदियों पर भी यही शर्तें रहेंगी।